Current Date: 17 Nov, 2024

मैं ढूंढ चूका जग सारा

- श्री चित्र विचित्र जी महराज।


मैं ढूंढ चूका जग सारा,
पता ना कहीं तेरा मिला,
हे मुरली वाले,
पता ना कहीं तेरा मिला,
हे कमली वाले,
पता ना कहीं तेरा मिला
मैं ढूंढ ढूंढ कर हारा,
पता ना कहीं तेरा मिला।।

तर्ज – मेरी विनती यही है राधा रानी।

बिन तेरे जिया नहीं जाए,
सुनी है मेरी मन बगिया,
दर दर फिरूं मारा मारा,
जीवन यूँ बीत चला,
पता ना कहीं तेरा मिला,
हे कमली वाले,
पता ना कहीं तेरा मिला
मैं ढूंढ ढूंढ कर हारा
पता ना कहीं तेरा मिला।।

दिल तड़पे मिलन को तेरे,
नैन मेरे रो रो कहे,
अब आ मिल प्राणन प्यारे,
ना जाम अश्को के पीला,
पता ना कहीं तेरा मिला,
हे कमली वाले,
पता ना कहीं तेरा मिला
मैं ढूंढ ढूंढ कर हारा
पता ना कहीं तेरा मिला।।

तेरे प्रेम में पागल होकर,
मैं ढूँढू तुझे गली गली,
कहे चित्र विचित्र प्राण प्यारे,
विरह की ज्वाला ना जला,
पता ना कहीं तेरा मिला,
हे कमली वाले,
पता ना कहीं तेरा मिला
मैं ढूंढ ढूंढ कर हारा
पता ना कहीं तेरा मिला।।

मैं ढूंढ चूका जग सारा,
पता ना कहीं तेरा मिला,
हे मुरली वाले,
पता ना कहीं तेरा मिला,
हे कमली वाले,
पता ना कहीं तेरा मिला
मैं ढूंढ ढूंढ कर हारा
पता ना कहीं तेरा मिला।।

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