माँगन चली सुहाग गौरा रानी से
माँगन चली सुहाग गौरा रानी से,
ओ गौरा रानी से...
माँगन चली सुहाग गौरा रानी से....
माथे को माँगू मैं लाल लाल बिंदिया,
सिंदूर भारी रहे माँग गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से.....
कानो को माँगू मैं सोने के झुमके,
गले में हीरों का हार गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से....
हाथों को मांगू मैं हरी हरी चुड़ीया,
मेहंदी रचे दोनों हाथ गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से....
कमर को मांगू मैं सोने की तगड़ी,
गुच्छे हो रोणदेदार गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से....
पैरो को मांगू मैं बजनी सी पायल,
बिछुए हो रोणदेदार गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से....
अंगों को मांगू मैं लाला लाल साड़ी,
चुनरी हो गोटेदार गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से....
मायके को मांगू मैं भाई भतीजे,
भरा हुआ परिवार गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से....
ससुराल को मांगू मैं धन और दौलत,
भरा हुआ परिवार गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से.....
जुग जुग जीवे मेरी गोदी का ललना,
अमर रहे सुहाग गौरा रानी से,
हाँ माँगन चली सुहाग गौरा रानी से.....
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