Current Date: 22 Dec, 2024

मां के चली रे

- Rajeev Sejwal


चली चली रे भवन मां के चली रे-2
 चोली भक्तों की टोली लेकर खाली ये झोली
 सारी दुनिया  द्वार पे चली रे
 चली चली रे भवन मां की चली रे-2
 चली भक्तों की टोली लेकर खा लिए झोली
 सारी दुनिया  द्वार पे चली रे
 चली चली रे भवन मां के चली रे-2
  जाके चरणों में शीश झुकाए  मां को लाल चुनरिया चढ़ाए-2
 मेरी मां है निराली चलो चलो रे सवाली
कहीं निकल न जाए यह घड़ी रे
 चली चली रे भवन नमक चली रे-4
चली भक्तों की टोली लेकर खाली ये झोली
 सारी दुनिया  द्वार पे चली रे
 चली चली रे भवन मां के चली रे-2
 ऊंची है शान तुम्हारी ऊंचे महलों में रहने वाली-2
 तेरी लीला अपरंपारी नैया पार उतारी सारे जगत की तू रखवाली रे
 चली चली रे भवन मां के चली रे-4
चली भक्तों की टोली लेकर खाली ये झोली
 सारी दुनिया द्वार पे चली रे
 चली चली रे भवन मां के चली रे-2
कटरे में तेरा बसेरा जम्मू मैं तेरा सवेरा-2
 सारे जग का ठिकाना तेरे दर पे है आना भरनी है खाली झोली रे
 चली चली भवन रे भवन माँ के चली रे-4
चोली भक्तों की टोली लेकर खाली रे झोली
 सारी दुनिया द्वार पे चली रे
 चली चली रे भवन मां के चली रे-6

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