चली चली रे भवन मां के चली रे-2
चोली भक्तों की टोली लेकर खाली ये झोली
सारी दुनिया द्वार पे चली रे
चली चली रे भवन मां की चली रे-2
चली भक्तों की टोली लेकर खा लिए झोली
सारी दुनिया द्वार पे चली रे
चली चली रे भवन मां के चली रे-2
जाके चरणों में शीश झुकाए मां को लाल चुनरिया चढ़ाए-2
मेरी मां है निराली चलो चलो रे सवाली
कहीं निकल न जाए यह घड़ी रे
चली चली रे भवन नमक चली रे-4
चली भक्तों की टोली लेकर खाली ये झोली
सारी दुनिया द्वार पे चली रे
चली चली रे भवन मां के चली रे-2
ऊंची है शान तुम्हारी ऊंचे महलों में रहने वाली-2
तेरी लीला अपरंपारी नैया पार उतारी सारे जगत की तू रखवाली रे
चली चली रे भवन मां के चली रे-4
चली भक्तों की टोली लेकर खाली ये झोली
सारी दुनिया द्वार पे चली रे
चली चली रे भवन मां के चली रे-2
कटरे में तेरा बसेरा जम्मू मैं तेरा सवेरा-2
सारे जग का ठिकाना तेरे दर पे है आना भरनी है खाली झोली रे
चली चली भवन रे भवन माँ के चली रे-4
चोली भक्तों की टोली लेकर खाली रे झोली
सारी दुनिया द्वार पे चली रे
चली चली रे भवन मां के चली रे-6
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