भुलैया न तू रस्ते पावे -२ , दुखिया नई देवे तार
क्यों न तेरी शिफ़्त करा झंडेवाली सरकार-३
१.
बस हर अष्टमीयो ने आ -२ , मुँह मंगिया मुरदा पोन आ -२
तेरा वसदा राहे दरबार ,क्यों न तेरी शिफ़्त करा ............
२.
तेरे भरे रेन भंडार सदा-२, तू वंडदी वाचिया न खेर सदा-2
वे तू मंगदा ए कुल संसार , क्यों न तेरी शिफ़्त करा .....
३.
एक तू सच्ची सरकार मैया-२, जित्ते प्रिंस दे बड़े पार मैया -२
इत्ते भूले साहिल उपकार , क्यों न तेरी शिफ़्त करा ........
क्यों न तेरी शिफ़्त करा झंडेवाली सरकार-३
लेखक:-शवीन कुमार मेहरा (साहिल मेहरा)
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