मुखड़ा :- माँ झंडेवाली हे बेमिसाली भर देती है झोली खाली
खाली आता नहीं माँ के दर से कोई
झोलियाँ भर के लाते है मंगते सभी
माँ झंडेवाली हे बेमिसाली भर देती है झोली खाली
F:- माँ झंडेवाली का ऐसा दर है
मंगतो को मिलता जहाँ मन चाहा वर है
दुखियारे माँ को हाल जब सुनाते
झंडेवाली मैया से सब कुछ वो पाते
भक्तो पे अपने उपकार करती है माँ
झोलिया सारे भक्तो की भरती है माँ
माँ झंडेवाली हे बेमिसाली भर देती है झोली खाली
F:- माँ झंडेवाली की ऐसी है चौखट
होता है काम यहाँ भक्तो का झटपट
जिसने वो माँगा वही माँ से है पाया
कोई भी माँ के दर से खाली न आया
माँ की ममता का कोई नहीं है जवाब
माँ की ममता ए भक्तो बड़ी बेमिसाल
माँ झंडेवाली हे बेमिसाली भर देती है झोली खाली
F:- माँ झंडेवाली है दुःख हरती
द्वार सुखो का खोले माँ सुख करणी
माँ महारानी का ये जो भवन है
भक्तजनो ये मंदिर बड़ा पावन है
जब भवन पे लहराए झंडा मैया का
बज उठा त्रिभुवन में डंका मैया का
माँ झंडेवाली हे बेमिसाली भर देती है झोली खाली
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