बिलकुल सच्ची है ये बात -२
जिसमे सिरपे माँ का हाथ -२
जिसको माँ का मिला है सहारा
हार कर भी कभी वो ना हारा
हारे का सहारा - माँ है हारे हुओ का सहारा
डुबो की है माँ किनारा -२
पार लाखो को उतारा-२
जनता है ये जमाना सारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
१
एक सच्ची कहानी सुनाता हूँ मैं
मैया की मेहेरबानी बताता हूँ में
माता आखियो के आंसू कैसे पोछती
अपने भगतो का हित कैसे माँ सोचती
जिनको माँ पे है विश्वास माँ देती है उनका साथ
जिसने भी माँ को दिल से पुकारा
नाम गुम है मगर चंडीगढ़ था शहर
एक परिवार था कर रहा था बशर
फेरता माला था माता के नाम की
ज्योत जलती थी घर में उसी नाम की
हर पल घर में खुशियां बहती
सुन्दर पत्नी दो थी बेटी
एक सुन्दर सा बेटा था प्यारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
३
माता की कृपा से ठीक सब चल रहा
माता के काम से नाम सब चल रहा
मिलती इज्जत उसे खूब परिवार में
ठीक दिल और अच्छा था घरबार में
अच्छा रुतबा था दफ्तर में
गिनती होती थी अफसर में
मस्ती में हो रहा था गुजारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
४
इनकी खुशियों पे जैसे नजर लग गयी
नजर इनपे कैसी असर कर गयी
एक लड़की के वो फस गया जाल में
फंस गया प्यार के सेरो जंजाल में
जहाँ में रहती थी खुशहाली
बस गयी उस घर में बदहाली
ख़ाक में मिल गया रुतबा सारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
५
रोज है वो बहाने बनाने लगा
वक़्त संग में उसी के बिताने लगा
पत्नी कहती तुम्हे क्या हुआ आजकल
अपनी पत्नी को आँखे दिखने लगा
मैं हूँ एक कमाने वाला
बड़ा परिवार है जमरा वाला
बोझ घर का है मुझपे ही सारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
६
चढ़ा प्यार का था नशा इस कदर
रोज गायब सा रहने लगा रात भर
आँखों में रात पत्नी की ढल आती थी
रात भर जैसे शमा सी जल जाती थी
ऐसा बन बैठा दीवाना
लगता खुदा से था बेगाना
बच्चे थे हो गए बेसहारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
७
एक दिन द्वार पे साधु आया कोई
साधु को देखकर अबला रोने लगी
रोते रोते सभी बात बतलादि है
बाबा ने माँ के दर्शन की उसको कही
जो भी सर मतका है मारा
वैष्णव माता बने सहारा
गम मिटा देती है उसका सारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
८
घर में तंगहाली थी एक पायी ना थी
माता की ज्योत कबसे जलाई ना थी
छोटी बेटी वो गुल्लक थी लायी कही
लाके गुल्लक वो माँ को थमाही तभी
मैंने थोड़े से पैसे बचाये है माँ
देखिये आज जो काम आये है माँ
काम बन जायेगा अब हमारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
एक कोने में बेटी पड़ी रो रही
एक कोने में बेटा पड़ा रो रहा
तीनो बच्चो को माँ ने लगाके गले
सोच में पड़ गयी क्या से क्या हो गया
इनकी हालत पे दिल रोये
ऐसा किसी के संग ना होये
बेबसी का था ऐसा नजारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
१०
जैसे तैसे इकठा किराया किया
जम्मू जाने का पक्का इरादा किया
माता के आसरे बच्चो को छोड़कर
ट्रैन में चढ़ गयी मन में ये सोचकर
माँ से अपने की बात
रोके कहूँगी सब हालत
मन ही मन में ये उसने विचारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
११
मैया से कोई ना बात छुपती कभी
सबके हालात माँ जानती है सभी
सारी दुनिया में दातारि माँ की चले
माँ की चौखट पे हर एक मुश्किल टले
जो भी आता माँ के द्वार
करती सबका वो उद्धार
डूबतो को दिलाये किनारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
१२
वैष्णो देवी पहुंची वो अबला तभी
पागलो की तरह दौड़ने वो लगी
भीड़ में रास्ता कोई नहीं दिख रहा
माँ के नवरात्रे का मेला सा लग रहा
उसको देख के होती हैरत
पागल जैसे उसकी हालत
उसने रो रो के माँ को पुकारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
१३
छोटी बच्ची कही रो तभी आ गयी
उसकी उंगली पकड़ माँ के दर ले गयी
माँ के दर पे उस अबला को वो छोड़कर
भीड़ में फिर ना जाने कहा खो गयी
उसने ढूंढा कहीं ना पाया
कैसी है उस माँ की माया
बच्ची फिर ना दिखी वो दोबारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
१४
माँ दर पे वो अबला रोई फुट कर
गिर पड़ी माँ की चौखट पे वो दूर वार
माथे से खून की धारा बेहने लगी
माँ की चौखट पे सर वो पटकने लगी
जिसका टुटा है परिवार
होता कितना है लाचार
कितना हो जाता है बेसहारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
१५
माँ की चौखट पे अबला उधर रो रही
देखिये कैसी कृपा इधर हो रही
इश्क़ में डूबा उसका पति जा रहा
खाके ठोकर गिरा होश जाता रहा
होश में जब दीवाना आया
माँ का सामने कीर्तन होते पाया
गूंजता वैष्णो माँ का जैकारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
१६
माँ की ज्योति का ये सार दिखने लगा
ऐसा माँ चमत्कारी चार लड़की का दिल से बिखरने लगा
रोते रोते कीर्तन में गया माता के
देखिये चरणों में गिर गया माता के
दाती माया मुझे तू कर दे
भारी पाप हुआ है मुझसे
हो गया था मैं पापी आवारा
माँ है हारे हुए का सहारा
१७
भूल मुझसे हुई कर क्षमा मुझे
मैं भटक था गया कर क्षमा माँ मुझे
कर्म माफ़ी के लायक नहीं है मेरे
मुझको दे माँ सजा सामने हूँ तेरे
घरबार बिखर गया मेरा
घेरे पड़ा है मुझे अँधेरा
अब तो है माँ तेरा ही सहारा
माँ है हारे हुए का सहारा
लक्की लिखता महिमा माँ की
माँ की पावन सुन्दर झांकी
१८
मैया के हाथो में जिसकी पतवार है
उसकी फिरती हमेशा लगी पार है
आती है मुश्किलें पर निकल जाती है
कृपा जिसको भी माता की मिल जाती है
कृपा उसपे माँ ने करदी
फिर से खुशिया घर में भर दी
लक्की सुखदेव है माँ तुम्हारा
माँ है हारे हुओ का सहारा
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