M:- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी
कोरस :- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी
M:- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी
कोरस :- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी
M:- शिव कन्या उतरी भारत भक्तो की हितकारी
कोरस :- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२
M:- छल छंदो से तृष्ट हुयी माँ सोनभद्र से रुष्ट हुयी माँ
कोरस :- छल छंदो से तृष्ट हुयी माँ सोनभद्र से रुष्ट हुयी माँ
M:- झूठे बंधन मुक्त हुयी माँ परमार्थ में लिप्त हुयी माँ
कोरस :- झूठे बंधन मुक्त हुयी माँ परमार्थ में लिप्त हुयी माँ
M:- करने को सबका कृपा सब दुखियो पे माँ आजीवन कुमारी
कोरस :- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२
M:- घाटन घात बही माँ ऐसे अमृत की धरा हो जैसे
कोरस :- घाटन घात बही माँ ऐसे अमृत की धरा हो जैसे
M:- भक्त तेरे माँ कैसे कैसे क्षण में भर्ती झोली ऐसे
कोरस :- भक्त तेरे माँ कैसे कैसे क्षण में भर्ती झोली ऐसे
M:- दर्शन को दर्शन को दर्शन को मनसा पूरी करती रैना हो उजयारी
कोरस :- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२
M:- कंकड़ तेरे शंकर रूप तेरा माँ अति भयंकर
कोरस :- कंकड़ तेरे शंकर रूप तेरा माँ अति भयंकर
M:- निर्मल नीरा बहे निरंतर पावन धाम बेस घट्न पर
कोरस :- निर्मल नीरा बहे निरंतर पावन धाम बेस घाटन पर
M:- माँ सोभा धरती की तुमसे हो तुम हो धरा निराली
कोरस :- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२
M:- तेरी भक्ति करे भारती शाम सवेरे हो ये आरती
कोरस :- तेरी भक्ति करे भारती शाम सवेरे हो ये आरती
M:- लिखे नराली कथा मात की राणो विनोद की विपत टारती
कोरस :- लिखे नराली कथा मात की राणो विनोद की विपत टारती
M:- माँ चुनरी नारियल तुम्हे चढ़ाऊँ जो है तेरी प्यारी
माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी
कोरस :- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी
M:- शिव कन्या उतरी भारत भक्तो की हितकारी
शिव कन्या उतरी भारत भक्तो की हितकारी
कोरस :- माँ अमरकंट के प्रगटी रेवा सब नदियों में न्यारी -२
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