Current Date: 17 Nov, 2024

लिंगाष्टकम

- Bhaishree Rameshbhai Oza


ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं
निर्मलभासित शोभित लिंगम् |
जन्मज दुःख विनाशक लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 1 ‖

देवमुनि प्रवरार्चित लिंगं
कामदहन करुणाकर लिंगम् |
रावण दर्प विनाशन लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 2 ‖

सर्व सुगंध सुलेपित लिंगं
बुद्धि विवर्धन कारण लिंगम् |
सिद्ध सुरासुर वंदित लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 3 ‖

कनक महामणि भूषित लिंगं
फणिपति वेष्टित शोभित लिंगम् |
दक्षसुयज्ञ विनाशन लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 4 ‖

कुंकुम चंदन लेपित लिंगं
पंकज हार सुशोभित लिंगम् |
संचित पाप विनाशन लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 5 ‖

देवगणार्चित सेवित लिंगं
भावै-र्भक्तिभिरेव च लिंगम् |
दिनकर कोटि प्रभाकर लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 6 ‖

अष्टदळोपरिवेष्टित लिंगं
सर्वसमुद्भव कारण लिंगम् |
अष्टदरिद्र विनाशन लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 7 ‖

सुरगुरु सुरवर पूजित लिंगं
सुरवन पुष्प सदार्चित लिंगम् |
परात्परं (परमपदं) परमात्मक लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 8 ‖

लिंगाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेश्शिव सन्निधौ |
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ‖

इति श्री लिंगाष्टकम् ||

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