लायक नहीं तेरे,
फिर भी निभाते हो,
जब भी बुलाऊँ मैं,
तुम दौड़े आते हो,
सांवरे तेरा करजदार हूँ,
सांवरे तेरा करजदार हूँ।।
तर्ज – तुमसे जुदा होकर।
तेरे उपकारों को,
मैं गिन नहीं पाउँगा,
बाबा ने खूब दिया,
जग को बतलाऊंगा,
बिन मांगे ही मेरी,
झोली भर जाते हो,
जब भी बुलाऊँ मैं,
तुम दौड़े आते हो,
सांवरे तेरा करजदार हूँ,
सांवरे तेरा करजदार हूँ।।
तेरे दरबारों की,
मुझे सेवा मिलती है,
तेरा दर्शन करता हूँ,
दिल की कली खिलती है,
जो तेरे प्रेमी है,
उनसे मिलवाते हो,
जब भी बुलाऊँ मैं,
तुम दौड़े आते हो,
सांवरे तेरा करजदार हूँ,
सांवरे तेरा करजदार हूँ।।
हे श्याम कृपा करके,
ये वर दे दो मुझको,
तेरी ये ‘सुनीता’,
भूले नहीं तुझको,
हर पल प्रभु मेरा,
जीवन सजाते हो,
जब भी बुलाऊँ मैं,
तुम दौड़े आते हो,
सांवरे तेरा करजदार हूँ,
सांवरे तेरा करजदार हूँ।।
लायक नहीं तेरे,
फिर भी निभाते हो,
जब भी बुलाऊँ मैं,
तुम दौड़े आते हो,
सांवरे तेरा करजदार हूँ,
सांवरे तेरा करजदार हूँ।।
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