ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधूर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तान
मैं हूँ तेरी प्रेम दीवानी
मुझको तु पेहचान
मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तान
जबसे तुम संग मैंने अपने
नैना जोड़ लिए है
क्या मैया क्या बाबुल सब से
रिश्ते तोड़ लिए है
तेरे मिलन को व्याकुल है ये
कब से मेरे प्राण
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तान
सागर से भी गेहरी
मेरे प्रेम की गेहराई
लोक लाज कुल की मर्यादा
तज कर मैं तो आयी
मेरी प्रीति से ओ नीरमोही
अब ना बनो अंजान
मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की
मधुर सुना दो तान
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