क्यों भूल गए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए,
पागल समझ कर भूल गए,
श्याम पागल समझ कर भूल गए,
क्यूँ भूल गए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए।।
मेरे मन में उठी उमंगें,
जप लूँ नाम तुम्हारा,
तुम श्यामा अब दर्शन दे दो,
होगा भला हमारा,
हम है बालक नादान,
क्यों कर हमको भूल गए,
क्यूँ भूल गए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए।।
तुम आओ या ना आओ,
मैं लूंगा नाम तुम्हारा,
जहाँ कही भी तुम जाओगे,
पीछा करूँ तुम्हारा,
मैं छोड़ नहीं सकता,
तुम बेशक मुझको छोड़ गए,
क्यूँ भूल गए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए।।
दुनिया में तुम भक्ति की माला,
जल्दी फेरो भगवन,
नहीं तो इस दुनिया में श्यामा,
धरम होयेगा भंग,
क्यों तोड़ रहे श्यामा,
मेरा भक्ति भरा दिल तोड़ रहे,
क्यूँ भूल गए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए।।
मेरे मन में आस उठी,
तब आया पास तुम्हारे,
‘मातृदत्त’ तुम्हारा तुम बिन,
व्याकुल नन्द दुलारे,
मैं भूल नहीं सकता,
तुम बेशक हमको भूल चले,
क्यूँ भूल गए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए।।
क्यों भूल गए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए,
पागल समझ कर भूल गए,
श्याम पागल समझ कर भूल गए,
क्यूँ भूल गए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए।।
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