Current Date: 17 Nov, 2024

क्यों भूल गए भोलेनाथ

- मनोज मिश्रा


क्यों भूल गए भोलेनाथ,
क्या भूल हुई है नाथ,
मुझे क्यों भुला दिया,
प्रभु देख मेरे हालात,
ना छोड़ना मेरा साथ,
मुझे क्यों भुला दिया,
क्यो भूल गए भोलेनाथ,
क्या भूल हुई है नाथ,
मुझे क्यों भुला दिया।।

तर्ज – चिट्ठी ना कोई संदेश।

जीवन में मेरे बाबा,
तूफान सा आया है,
कल तक जो अपना था,
वो आज पराया है,
अब तू ही पकड़ना हाथ,
मेरे भूतो के हे नाथ,
मुझे क्यों भुला दिया,
क्यो भूल गए भोलेनाथ,
क्या भूल हुई है नाथ,
मुझे क्यों भुला दिया।।

दुनिया ने भुलाया है,
रह रह के सताया है,
खुदगर्ज ज़माने में,
तुझे अपना पाया है,
अब हो गई कौन सी बात,
मेरा छोड़ दिया क्यों साथ,
मुझे क्यों भुला दिया,
क्यो भूल गए भोलेनाथ,
क्या भूल हुई है नाथ,
मुझे क्यों भुला दिया।।

कही गिर ना जाऊं मैं,
बाहों में जकड ले तू,
तेरे ‘हर्ष’ का दीनानाथ,
अब हाथ पकड़ ले तू,
अब मेट दो काली रात,
बाबा समझ मेरे जज्बात,
मुझे क्यों भुला दिया,
क्यो भूल गए भोलेनाथ,
क्या भूल हुई है नाथ,
मुझे क्यों भुला दिया।।

क्यों भूल गए भोलेनाथ,
क्या भूल हुई है नाथ,
मुझे क्यों भुला दिया,
प्रभु देख मेरे हालात,
ना छोड़ना मेरा साथ,
मुझे क्यों भुला दिया,
क्यो भूल गए भोलेनाथ,
क्या भूल हुई है नाथ,
मुझे क्यों भुला दिया।।

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