Current Date: 21 Dec, 2024

क्यों हवा लिरिक्स (Kyon Hawa Lyrics)

- Yash Chopra, Lata Mangeshkar & Sonu Nigam


क्यों हवा लिरिक्स हिंदी में (Kyon Hawa Lyrics In Hindi)

एक दिन जब सवेरे सवेरे
सुरमई से अंधेर की चादर हटा के
एक परबत के तकिये से
सूरज ने सर जो उठाया
तो देखा
दिल की वादी में चाहत का मौसम है
और यादों की डालियों पर
अनगिनत बीते लम्हों की कलियाँ महकने लगी हैं
अनकही, अनसुनी आरज़ू
आधी सोयी हुई, आधी जागी हुई
आँखें मलते हुए देखती है
लहर दर लहर, मौज दर मौज
बहती हुई ज़िन्दगी
जैसे हर एक पल नयी है
और फिर भी वही
हाँ, वही ज़िन्दगी
जिसके दामन में एक मोहब्बत भी है, कोई हसरत भी है
पास आना भी है, दूर जाना भी है
और ये एहसास है
वक़्त झरने सा बहता हुआ, जा रहा है
ये कहता हुवा
दिल की वादी में चाहत का मौसम है
और यादों की डालियों पर
अनगिनत बीते लम्हों की कलियाँ महकने लगी हैं
 
क्यूँ हवा आज यूँ गा रही है 
क्यूँ फिजा, रंग छलका रही है
मेरे दिल बता आज होना है क्या
चांदनी दिन में क्यूँ छा रही है
ज़िन्दगी किस तरफ जा रही है
मेरे दिल बता क्या है ये सिलसिला
क्यूँ हवा आज यूँ...
 
जहाँ तक भी जाएँ निगाहें, बरसते हैं जैसे उजाले
सजी आज क्यूँ है ये राहें, खिले फूल क्यूँ हैं निराले
खुश्बूयें, कैसी ये बह रही है
धड़कनें जाने क्या कह रही है
मेरे दिल बता ये कहानी है क्या
क्यूँ हवा आज यूँ...
 
ये किसका है चेहरा जिससे मैं, हर एक फूल में देखता हूँ
ये किसकी है आवाज़ जिसको, न सुन के भी मैं सुन रहा हूँ
कैसी ये आहटें आ रही हैं, कैसे ये ख्वाब दिखला रही है
मेरे दिल बता कौन है आ रहा
क्यूँ हवा आज यूँ...

क्यों हवा लिरिक्स अंग्रेजी में (Kyon Hawa Lyrics In English)

Ek Din Jab Savere Savere
Surmai Se Andher Ki Chaadar Hata Ke
Ek Parbat Ke Takiye Se
Sooraj Ne Sar Jo Uthaya
To Dekha
Dil Ki Vaadi Mein Chaahat Ka Mausam Hai
Aur Yaadon Ki Daaliyon Par
Anaginat Bite Lamhon Ki Kaliyan Mehkne Lagi Hain
Ankahee, Ansunee Aarzu
Aadhi Soyee Hui, Aadhi Jaagi Hui
Aankhen Malte Hue Dekhti Hai
Lehar Dar Lehar, Mauj Dar Mauj
Bahti Hui Zindagi
Jaise Har Ek Pal Nayi Hai
Aur Phir Bhi Wahi
Haan, Wahi Zindagi
Jiske Daaman Mein Ek Mohabbat Bhi Hai, Koi Hasrat Bhi Hai
Paas Aana Bhi Hai, Door Jaana Bhi Hai
Aur Ye Ehsaas Hai
Waqt Jharne Sa Bahta Hua, Ja Raha Hai
Ye Kehta Huwa
Dil Ki Vaadi Mein Chaahat Ka Mausam Hai
Aur Yaadon Ki Daaliyon Par
Anaginat Bite Lamhon Ki Kaliyan Mehkne Lagi Hain
 
Kyun Hawa Aaj Yun Ga Rahi Hai
Kyun Fiza, Rang Chhalaka Rahi Hai
Mere Dil Bata Aaj Hona Hai Kya
Chandni Din Mein Kyun Chha Rahi Hai
Zindagi Kis Taraf Ja Rahi Hai
Mere Dil Bata Kya Hai Ye Silsila
Kyun Hawa Aaj Yun...
 
Jahaan Tak Bhi Jaayein Nigahein, Baraste Hain Jaise Ujaale
Saji Aaj Kyun Hai Ye Rahein, Khile Phool Kyun Hain Niraale
Khushboo, Kaisi Ye Bah Rahi Hai
Dhadkanein Jaane Kya Kah Rahi Hai
Mere Dil Bata Ye Kahani Hai Kya
Kyun Hawa Aaj Yun...
 
Ye Kiska Hai Chehra Jis Se Main, Har Ek Phool Mein Dekhta Hoon
Ye Kiski Hai Aawaaz Jisko, Na Sun Ke Bhi Main Sun Raha Hoon
Kaisi Ye Aahtein Aa Rahi Hain, Kaise Ye Khwab Dikhla Rahi Hai
Mere Dil Bata Kaun Hai Aa Raha
Kyun Hawa Aaj Yun...

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