जय जय श्याम जय जय श्याम
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम हमे मंदिर बुला लेना
मेरा मन प्यासा रह जाए जो दर्शन तेरे पाए ना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम............................
बढ़ा जो पाप का घेरा तो तूने सबसे मुँह फेरा
प्रभु भक्ति को भुला जब तो बर पा अब कहर तेरा
घड़ी ऐसी है संकट की करीब अपने भी आये ना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम हमे मंदिर बुला लेना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम ..........................
हम बालक तेरे है नादान ना तुझसे जग में कोई महान
करो ना माफ़ कहता है अब रो रो कर ये सारा जहां
शरण ले लो हमे बाबा सही दुरी अब जाए ना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम हमे मंदिर बुला लेना
क्यों रूठे सबसे मेरे श्याम ......................
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