परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है
इसलिए जो पीछे छूट गया
उसका शोक मनाने की जगह जो
आपके पास है उसका आनंद उठाना सीखिए !
हम कृष्ण के कृष्ण जी हमारे हैं
हम सब कान्हा के सहारे हैं
हे कन्हैया हम पर कृपा करना
हम तो चरणों के दास तुम्हारे हैं!
प्रेम का अर्थ बांधना नहीं है बल्कि
प्रेम को बंधन मुक्त कर
अनंत तक प्रेम करना है !
तेरा-मेरा छोटा-बड़ा अपना-पराया
मन से मिटा दो फिर सब तुम्हारा है
और तुम सबके हो! श्री कृष्णा!
मन का मैल मिटा दो चारों धाम मेरे अंदर है
शिव मेरे अंदर है श्री राम मेरे अंदर है !
संवाद से मिल सकता है
हर बात का समाधान
और खुलकर संवाद करने से
संभल जाएगा आपका भविष्य और वर्तमान!
संसार का यही नियम है
जहां संयोग है वहां वियोग भी तो है !
कल तक जो हमारा था
वह आज सिर्फ मेरा है
मेरे जीवन में तेरा नाम
बस एक अंधेरा है!
ईश्वर किसी का नहीं
अपितु सर्वत्र ईश्वर का है !
सदैव संदेह करने वाले
व्यक्ति के लिए प्रसन्नता
ना इस लोक में है ना ही कहीं और!
सत्य हमेशा पानी में
तेल की एक बूंद के समान होता है
कितना भी असत्य का पानी डाले
वह हमेशा ऊपर ही तैरता है !
जैसा दर्पण धूल से अस्पष्ट होता है
वैसे ही क्रोध से बुद्धि अस्पष्ट होती है!
अपने जीवन में कभी भी
ना किसी को आनंद में वचन दे
ना क्रोध में उत्तर दे और
ना ही दुख में कभी निर्णय ले !
जो हैं माखन चोर, जो हैं मुरली वाला,
वही हैं हम सबके दुःख हरने वाला!
जान से ज्यादा अनुभव बड़ा है
अनुभव से ज्यादा जिंदगी बड़ी है
जिंदगी में रिश्तो की कमी है
और रिश्तो में प्रेम ही नहीं है !
भाग्यवान वह होते हैं, जो राधा कृष्ण
के दरबार में शीश झुकाते हैं!
जो एक क्षण में बदल जाए
एक क्षण में भंग हो जाए
वह प्रेम नहीं लोभ होता है !
जब जिंदगी में बुरा समय आए
तब समझ लेना कि
अच्छे कर्म का समय आ गया है!
धर्म केवल कर्म से होता है
कर्म के बिना धर्म की
कोई परिभाषा ही नहीं है !
जो मन को नियंत्रित नहीं करते
उनके लिए वह शत्रु के
समान कार्य करता है!
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