🎵हँसा के क्यों रुलाए रे🎵
🙏 गायक: उमा लाहरी
विवरण:
हँसा के क्यों रुलाए रे एक अत्यंत मार्मिक कृष्ण भजन है, जिसे उमा लाहरी की मधुर आवाज में प्रस्तुत किया गया है। इस भजन में भक्त भगवान श्रीकृष्ण से अपने जीवन के दुखों और परेशानियों का उत्तर मांगता है। भक्त अपने मन की व्यथा व्यक्त करते हुए सवाल करता है कि ठाकुर पहले हंसाते हैं, फिर रुलाते क्यों हैं। यह भजन भगवान के प्रति भक्त की गहरी आस्था और उनके प्रति अपनी पीड़ा व्यक्त करने का सुंदर माध्यम है।
इस भजन को सुनें और श्रीकृष्ण के चरणों में अपनी व्यथा का हल पाएं।
गीत के बोल:
हँसा के क्यों रुलाए रे,
रुलाए रै कन्हैयाँ,
ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे,
ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे।
रोके रुके ना आँख के आँसू,
उमड़ उमड़ ये बरसे रै,
तुझ बिन कौन सुनेगा मेरी,
जाऊं कहाँ तेरे दर से रे,
रुठ गई क्यों मुझसे बहारें,
बता दे रे कन्हैयाँ,
ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे,
ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे।
फूल खिलाकर ख़ुशियों के ये,
ये क्या हुआ मुख मोड़ लिया,
हाथ पकड़ कर चलने वाले,
काहे अकेला छोड़ दिया,
आशा जगा के चरण लगा के,
सताए क्यों कन्हैयाँ,
ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे,
ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे।
चाँद बिना क्या चाँदनी लहरी,
दिप बिना क्या बाती रे,
ये धरती पालन हारे बिन,
कैसे रहे मुस्काती रै,
भूल भूला दे फिर से हँसा दे,
हसा दे रे कन्हैयाँ,
ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे,
ठाकुर मेरे, ओ ठाकुर मेरे।
हँसा के क्यों रुलाए रे,
रुलाए रै कन्हैयाँ,
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे,
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे।
Credit Details :
Song: Hasa Ke Kyo Rulaya Re
Singer: Uma Lahri
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