Current Date: 17 Sep, 2024
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Mor Mukut Sir Kanan Kundal - Krishna Bhajan

- Sadhana Sargam


🎵मोर मुकुट सिर कानन कुंडल🎵

🙏 गायक : साधना सरगम
🎼 गीत : रवींद्र जैन

विवरण:
मोर मुकुट सिर कानन कुंडल एक अत्यंत भक्तिमय और मधुर भजन है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की अलौकिक छवि का वर्णन किया गया है। यह भजन भगवान श्रीकृष्ण के उस स्वरूप का चित्रण करता है जिसमें उनके सिर पर मोर मुकुट है और कानों में कुंडल विराजमान हैं। यह भजन भगवान श्रीकृष्ण की सुंदरता और दिव्यता को हमारे सामने लाता है, जिससे हम उनकी ओर आकर्षित होते हैं।

साधना सरगम की सुरीली आवाज़ में यह भजन न केवल कानों को सुकून देता है, बल्कि हृदय को भी शांति और भक्ति से भर देता है। इस भजन को सुनकर भक्तगण भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति को और भी गहरा महसूस कर सकते हैं।

इस भजन को सुनें और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम को और भी प्रबल बनाएं।

गीत के बोल:
मोर मुकुट सर कानन कुण्डल, नैन रसीले
मुख शशि मंडल, हरी सम और न कोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

मधुर मुरलिया, अधरान राजे
गले वैजन्ती माला साजे, हरी सम और न कोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

श्री पति हरी श्री वरधन
श्री युत श्री नारायण, प्रभु के श्री चरनन में
मोश्री हीं को वंदन, कौस्तुभ मणि श्री वत्स की रेखा
ऐसा श्रीधर और न देखा, श्री सर्वांग सजोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

नील कलेवर, पट पीताम्बर अंग धरे
कान्हा कुंजन अकेले करे, पद से गंग प्रवाहित
अंतर स्थापित राधा, मार्ग में अनगिन सखिया
मिलन में केवल बाधा, नात्सिखावर नल कहत न आवे
कोटिक मन मथ देख लाजवे, देखत सुध बुध खोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

मोर मुकुट सर कानन कुण्डल, नैन रशीले
मुख शशि मंडल, हरी सम और न कोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

Credit Details :

Song: Mor Mukut Sir Kanan Kundal
Singer: Sadhana Sargam
Lyrics: Ravindra Jain
Music Director: Ravindra Jain

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