🎵मुकुट सिर मोर का🎵
🙏 गायक: प्रेम मेहरा
🎼 संगीत: योगेश कुमार
विवरण:
मुकुट सिर मोर का एक अत्यंत मधुर और भक्तिपूर्ण भजन है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के अलौकिक रूप का सुंदर वर्णन किया गया है। इस भजन में भक्त भगवान के सिर पर मोर पंख से सजे मुकुट, उनके कटीले नयनों और उनके चितचोर रूप की महिमा का गुणगान करता है।
श्रीकृष्ण के नयन जैसे कटीले तीर, जो सीधे भक्त के हृदय में प्रवेश करते हैं, उस दिव्यता और सौंदर्य का प्रतीक हैं जो उनके हर भक्त के मन को मोह लेते हैं। प्रेम मेहरा की मधुर आवाज में यह भजन आपको भगवान के प्रति अपने प्रेम में खो जाने को प्रेरित करेगा।
यह भजन भगवान कृष्ण की लीला और उनके अद्वितीय रूप को समर्पित है, जो आपके मन को भगवान के चरणों में सच्ची श्रद्धा से भर देगा।
गीत के बोल:
मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का,
दो नैना नैना नैना, दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।
आजा के भरलु तुझे, अपनी बाहो में,
आजा छिपा लु तुझे, अपनी निगाहो में,
दीवानों ने विचार के, कहा ये पुकार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से।।
रास बिहारी नहीं, तुलना तुम्हारी,
तुमसा ना देखा कोई, पहले अगाडी,
के नुनराए वार के, के नजरे उतार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से।।
प्रेम लजाये तेरी, बाँकी अदाओं पर,
फुले घटाए तेरी, तिरछी निगाहो पर,
की सौ चाँद वार के, दीवाने गए हार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से।।
मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का,
दो नैना नैना नैना, दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।
Credit Details :
Song: Mukut Sir Mor Ka
Singer: Prem Mehra
Album: Pathar Ki Radha Pyari
Music: Yogesh Kumar
Lyrics: Prem Mehra
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।