मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का,
दो नैना नैना नैना, दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।
आजा के भरलु तुझे, अपनी बाहो में,
आजा छिपा लु तुझे, अपनी निगाहो में,
दीवानों ने विचार के, कहा ये पुकार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से।।
रास बिहारी नहीं, तुलना तुम्हारी,
तुमसा ना देखा कोई, पहले अगाडी,
के नुनराए वार के, के नजरे उतार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से।।
प्रेम लजाये तेरी, बाँकी अदाओं पर,
फुले घटाए तेरी, तिरछी निगाहो पर,
की सौ चाँद वार के, दीवाने गए हार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से।।
मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का,
दो नैना नैना नैना, दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।
Credit Details :
Song: Mukut Sir Mor Ka
Singer: Prem Mehra
Album: Pathar Ki Radha Pyari
Music: Yogesh Kumar
Lyrics: Prem Mehra
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