घनश्याम तेरी बंसी,
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है।।
सोने की होती तो,
क्या करते तुम मोहन,
ये बांस की होकर भी,
दुनिया को नचाती है।।
तुम गोरे होते तो,
क्या कर जाते मोहन,
जब काले रंग पर ही,
दुनिया मर जाती है।।
दुख दर्दों को सहना,
बंसी ने सिखाया है,
इसके छेद है सीने मे,
फ़िर भी मुस्काती है।।
कभी रास रचाते हो,
कभी बंसी बजाते हो,
कभी माखन खाने की,
मन में आ जाती है।।
घनश्याम तेरी बंसी,
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है।।
Credit Details :
Song: Ghanshyam Teri Banshi
Singer: Prem Mehra
Album: Patthar Ki Radha
Music: Kailash Kumar
Lyrics: Traditional
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