🎵अच्युताष्टकम्🎵
🙏 गायक: माधवी मधुकर झा
🎼 संगीत: निखिल बिष्ट और राजकुमार
विवरण:
अच्युताष्टकम एक बहुत ही सुंदर भक्ति गीत है जिसमें भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न रूपों का गान किया गया है। माधवी माधुकर झा की आवाज़ में यह भजन भगवान के अच्युत, केशव, माधव, गोविंद, और श्रीधर रूपों की महिमा को प्रस्तुत करता है। इसमें भगवान कृष्ण के साथ-साथ राम और राधा के रूपों की भी स्तुति की जाती है, जो दर्शाते हैं कि कृष्ण और राम एक ही दिव्य सत्ता के रूप हैं। भजन में कृष्ण के अनेक रूपों के गुण और उनके भक्तों की रक्षा की भावना व्यक्त की गई है। यह भजन भक्तों को श्री कृष्ण के अद्वितीय रूपों में ध्यान और पूजा करने के लिए प्रेरित करता है।
गीत के बोल:
अच्युतं केशवं रामनारायणं
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥1॥
अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं
माधवं श्रीधरं राधिकाराधितम् ।
इन्दिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरं
देवकीनन्दनं नन्दजं सन्दधे ॥२॥
विष्णवे जिष्णवे शाङ्खिने चक्रिणे
रुक्मिणिरागिणे जानकीजानये ।
बल्लवीवल्लभायार्चितायात्मने
कंसविध्वंसिने वंशिने ते नमः ॥३॥
कृष्ण गोविन्द हे राम नारायण
श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे ।
अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज
द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक ॥४॥
राक्षसक्षोभितः सीतया शोभितो
दण्डकारण्यभूपुण्यताकारणः ।
लक्ष्मणेनान्वितो वानरौः सेवितोऽगस्तसम्पूजितो
राघव पातु माम् ॥५॥
धेनुकारिष्टकानिष्टकृद्द्वेषिहा
केशिहा कंसहृद्वंशिकावादकः ।
पूतनाकोपकःसूरजाखेलनो
बालगोपालकः पातु मां सर्वदा ॥६॥
विद्युदुद्योतवत्प्रस्फुरद्वाससं
प्रावृडम्भोदवत्प्रोल्लसद्विग्रहम् ।
वन्यया मालया शोभितोरःस्थलं
लोहिताङ्घ्रिद्वयं वारिजाक्षं भजे ॥७॥
कुञ्चितैः कुन्तलैर्भ्राजमानाननं
रत्नमौलिं लसत्कुण्डलं गण्डयोः ।
हारकेयूरकं कङ्कणप्रोज्ज्वलं
किङ्किणीमञ्जुलं श्यामलं तं भजे ॥८॥
अच्युतस्याष्टकं यः पठेदिष्टदं
प्रेमतः प्रत्यहं पूरुषः सस्पृहम् ।
वृत्ततः सुन्दरं कर्तृविश्वम्भरस्तस्य
वश्यो हरिर्जायते सत्वरम् ॥९॥
Credit Details :
Song: Achyutashtakam
Singer: Madhvi Madhukar Jha
Music Director: Nikhil Bisht, Rajkumar
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