🎵सब से ऊंची प्रेम सगाई🎵
🙏 गायक: जगजीत सिंह
🎼 संगीत: जगजीत सिंह
विवरण:
सबसे ऊंची प्रेम सगाई जगजीत सिंह द्वारा गाया गया एक प्रेरणादायक भक्ति गीत है जो भगवान श्री कृष्ण के प्रेम के अनेकों रूपों का वर्णन करता है। इस भजन में शबरी द्वारा दिए गए जूठे फल, युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ, और वृंदावन में गोपियों द्वारा नृत्य के माध्यम से प्रेम की गहराई को प्रदर्शित किया गया है। गीत प्रेम, भक्ति और श्रद्धा का आदर्श रूप है, जो हर दिल को छू जाता है और हमें भगवान से गहरे प्रेम का अहसास कराता है।
गीत के बोल:
सबसे ऊंची प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
दुर्योधन के मेवा त्याग्यो,
साग विदुर घर खाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
जूठे फल शबरी के खाये,
बहु विधि स्वाद बताई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा,
तामे जूठ उठाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो,
भूल गये ठकुराई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन,
गोपियन नाच नचाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं,
आप बने हरि नाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
सूर क्रूर एहि लायक नाहीं,
केहि लगो करहुं बड़ाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
Credit Details :
Song: Sab Se Oonchi Prem Sagai
Singer: Jagjit Singh
Music Composer: Jagjit Singh
Lyrics: Surdas
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