हे कृष्ण गोपाल हरि,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
तुम करता तुम ही कारण,
परम कृपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
रथ हाके रणभूमि में,
और कर्म योग के मर्म बताये,
अजर अमर है परम तत्व यूँ,
काया के सुख दुःख समझाये,
सखा सारथी शरणागत के,
सदा प्रितपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
श्याम के रंग में रंग गयी मीरा,
रस ख़ान तो रस की ख़ान हुई,
जग से आखे बंद करी तो,
सुरदास ने दरस किये,
मात यशोदा ब्रज नारी के,
माखन चोर हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
हे कृष्ण गोपाल हरि,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
Credit Details :
Song: Hey Krishna Gopal Hari
Singer: Jagjit Singh
Lyrics: Ravinder Pathania
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