🎵कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी🎵
🙏 गायक: चित्र विचित्र जी महाराज
विवरण:
कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी भजन में भगवान श्रीकृष्ण की अनुकंपा और उनके आशीर्वाद का गुणगान किया गया है। चित्र विचित्र जी महाराज की मधुर आवाज में गाया गया यह भजन सुनने वालों के मन को शांति और भक्ति से भर देता है।
यह भजन उनके प्रति श्रद्धा और आस्था को व्यक्त करता है और जीवन में उनके आशीर्वाद की महत्ता को उजागर करता है। भगवान की कृपा ही भक्तों का सबसे बड़ा सहारा है।
यह भजन हमें भगवान की कृपा के महत्व का एहसास कराता है और जीवन में उनके प्रति आस्था को और मजबूत करता है।
गीत के बोल:
मैं रूप तेरे पर, आशिक हूँ,
यह दिल तो तेरा, हुआ दीवाना ।
ठोकर खाई, दुनियाँ में बहुत,
मुझे द्वार से, अब न ठुकराना ।।
हर तरह से तुम्हारा, हुआ मैं तो,
फिर क्यों तुमको, मैं बेगाना ।
मुझे दरस दिखा दो, नंद लाला,
नहीं तो दर तेरे पर, मर जाना ।।
कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी ।
तो सूनी ही रहती, अदालत तुम्हारी ।।
गोपाल सहारा तेरा है ,
हे नंद लाल सहारा तेरा है ,
मेरा और सहारा कोई नहीं
गोपाल सहारा तेरा है ,
हे नंद लाल सहारा तेरा है…
ओ दीनो के दिल में, जगह तुम न पाते,
तो किस दिल में होती, हिफाजत तुम्हारी ।
कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती, अदालत तुम्हारी ।।
ग़रीबों की दुनियाँ है, आबाद तुमसे ,
ग़रीबों से है, बादशाहत तुम्हारी ।
कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती, अदालत तुम्हारी ।।
न मुल्जिम ही होते, न तुम होते हाकिम,
न घर-घर में होती, इबादत तुम्हारी ।
कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती, अदालत तुम्हारी ।।
तुम्हारी ही उल्फ़त के, द्रिग ‘बिन्दु’ हैं यह ,
तुम्हें सौंपते है, अमानत तुम्हारी ।
कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती, अदालत तुम्हारी ।।
Credit Details :
Song: Kripa Ki Na Hoti Jo Aadat Tumhari
Singer: Chitra Vichitra Ji Maharaj
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