ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,
मेरो दर्द न जाणै कोय ।
ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,
मेरो दर्द न जाणै कोय ।
ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,
मेरो दर्द न जाणै कोय ।
घायल की गति घायल जाणै,
जो कोई घायल होय ।
जौहरि की गति जौहरी जाणै,
की जिन जौहर होय ॥
सूली ऊपर सेज हमारी,
सोवण किस बिध होय ।
गगन मंडल पर सेज पिया की,
किस बिध मिलणा होय ॥
दर्द की मारी बन-बन डोलूं,
वैद्य मिल्या नहिं कोय ।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी,
जद वैद्य सांवरिया होय ॥
ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,
मेरो दर्द न जाणै कोय ।
ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,
मेरो दर्द न जाणै कोय ।
ना मैं जानू आरती वन्दन,
ना पूजा की रीत ।
लिए री मैंने दो नैनो के,
दीपक लिए संजोये ॥
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