Current Date: 22 Nov, 2024

श्री कृष्णा अमृतवाणी हिंदी में | (KRISHNA AMRITWANI LYRICS IN HINDI AND ENGLISH)

- Anuradha Paudwal


कृष्णा अमृतवाणी लिरिक्स हिंदी में (Krishna Amritvani Lyrics In Hindi)

 

रे मन कृष्ण कृपामृत 

बरस रहयो दिन रैन

कृष्ण कृपा से विमुख 

तूं कैसे पावे चैन

 

नित उठ कृष्ण-कृपामृत 

पाठ करे मन लाय

भक्ति ज्ञान वैराग्य संग 

कृष्ण कृपा मिल जाय 

 

आसा कृष्ण कृपा की राख

योनी कटे चौरासी लाख

 

कृष्ण-कृपा जीवन का सार

करे तुरंत भव सागर पार

 

कृष्ण-कृपा जीवन का मूल

खिले सदा भक्ति के फूल

 

कृष्ण-कृपा के बलि बलि जाऊँ

कृष्ण-कृपा में सब सुख पाऊँ

 

कृष्ण-कृपा सत-चित आनंद

प्रेम भक्ति की मिले सुगंध

 

कृष्ण-कृपा बिन शांति न पावे

जीवन धन्य कृपा मिल जावे

 

सिमरो कृपा कृपा ही ध्याओ

गाए-गाए श्री कृष्ण रिझाओ

 

असमय होय नही कोई हानि

कृष्ण कृपा जो पावे प्राणी

 

वाणी का संयम बने

जग अपना हो जाए

तीन काल चहुँ दिशि में

कृष्ण ही कृष्ण ही लखाय

 

कृष्ण-कृपा का कर गुण गान

कृष्ण-कृपा है सबसे महान

 

सोवत जागत बिसरे नाहीं

कृष्ण-कृपा राखो उर माहि

 

कृष्ण-कृपा मेटे भव भीत

कृष्ण-कृपा से मन को जीत

 

आपद दूर-दूर ते भागे

कृष्ण-कृपा कह नित जो जागे

 

सोवे कृष्ण-कृपा ही कह कर

ले आनंद मोद हिय भरकर

 

खोटे स्वप्न तहाँ कोउ नाहिँ

कृष्ण-कृपा रक्षक निसि माहिँ

 

खावे कृष्ण-कृपा मुख बोल

कृष्ण-कृपा का जग में डोल 

 

कृष्ण-कृपा कह पीवे पानी

परम सुधा सम होवे वानी

 

कृष्ण-कृपा को चाहकर

भजन करो निस काम

प्रेम मिले आनंद मिले

होवे पूरण काम

 

कृष्ण-कृपा सब काम संवारे

चिंताओं का भार उतारे

 

ईर्ष्या लोभ मोह-हंकार

कृष्ण-कृपा से हो निस्तार

 

कृष्ण-कृपा शशि किरण समान 

शीतल होय बुद्धि मन प्राण

 

कोटि जन्म की प्यास बुझावे

कृष्ण-कृपा की बूंद जो पावे 

 

कृष्ण-कृपा की लो पतवार 

झट हो जाओ भव से पार

 

कृष्ण-कृपा के रहो सहारे 

जीवन नैया लगे किनारे 

 

कृष्ण-कृपा मेरे मन भावे 

कृष्ण-कृपा सुख सम्मति लावे 

 

कृष्ण-कृपा की देखी रीत 

बढ़े नित्य कान्हा संग प्रीत

 

कृष्ण-कृपा के आसरे

भक्त रहे जो कोय

वृद्धि होये धन-धान्य की

घर में मंगल होये

 

कृष्ण-कृपा जग मंगल करनी

कृष्ण कृपा ते पावन धरनी

 

तीन लोक में करे प्रकाशा

कृष्ण-कृपा कह लेय उसासा 

 

कृष्ण-कृपा जग पावनी गंगा 

कोटि -पाप करती क्षण भंगा

 

कृष्ण-कृपा अमृत की धार

पीवत परमानन्द अपार

 

कृष्ण कृपा के रंगत प्यारी

चढ़े प्रेम-आनंद खुमारी

 

उतरे नही उतारे कोय

कृष्ण-कृपा संग गहरी होय

 

मीरागणिकासदन कसाई

कृष्ण-कृपा ते मुक्ति पाई 

 

व्याधअजामिल गीधअजान

कृष्ण-कृपा ते भये महान 

 

भ्रमित जीव को चाहिये

कृष्ण-कृपा को पाय 

निश्चित हो जीवन सुखी

सब संशय मिट जाय

 

कृष्ण-कृपा अविचल सुख धाम 

कैसा मधुर मनोहर नाम

 

श्याम-श्याम निरंतर गावे 

कृष्ण-कृपा सहजहिं मिल जावे 

 

ध्यावे कृष्ण-कृपा लौ लाय 

सुरति दशम द्वार चढ़ि जाय

 

दिखे श्वेत -श्याम प्रकाश 

पूरण होय जीव की आस

 

नाश होय अज्ञान अँधेरा

कृष्ण-कृपा का होय सवेरा 

 

फेरा जन्म -मरण का छुटे 

कृष्ण-कृपा का आनंद लूटे 

 

कृष्ण-कृपा ही हैं दुःख भंजन 

कृष्ण-कृपा काटे भाव -बंधन 

 

कृष्ण-कृपा सब साधन का फल 

कृष्ण-कृपा हैं निर्बल का बल 

 

तीन लोक तिहुँ काल में 

वैरी रहे ना कोय

कृष्ण-कृपा हिय धारि के 

कृष्ण भरोसे होय

 

कृष्ण-कृपा ते मिटे दुरासा 

राखो कृष्ण-कृपा की आसा 

 

कृष्ण-कृपा ते रोग नसावें 

दुःख दारिद्र कभी पास न आवें

 

कृष्ण-कृपा मेटे अज्ञान 

आत्म-स्वरूप का होवे भान 

 

कृष्ण-कृपा ते भक्ति पावे 

मुक्ति सदा दास बन जावे

 

कृष्ण नाम हैं खेवन हार

कृष्ण-कृपा से हो भव पार 

 

कृष्ण-कृपा ही नैया तेरी 

पार लगे पल में भवबेरी 

 

कृष्ण-कृपा ही सच्चा मीत

कृष्ण-कृपा ते ले जग जीत 

 

माता-पितागुरुबन्धु जान

कृष्ण-कृपा ते नाता मान 

 

काल आये पर मीत ना

सुत दारा अरु मित्र

सदा सहाय श्री कृष्ण-कृपा 

मन्त्र हैं परम् पवित्र

 

कृष्ण-कृपा बरसे घन-वारी 

भक्ति प्रेम की सरसे क्यारी

 

कृष्ण-कृपा सब दुःख नसावन 

होवे तन-मन –जीवन पावन

 

कृष्ण-कृपा आत्म की भूख 

विषय वासना जावे सूख

 

कृष्ण-कृपा ते चिंता नाहीं 

कृष्ण-कृपा ही सच्चा साईं 

 

कृष्ण-कृपा दे सत् विश्राम 

बोलो कृष्ण-कृपा निशि याम 

 

कृष्ण-कृपा बिन जीवन व्यर्थ 

कृष्ण-कृपा ते मिटें अनर्थ

 

होये अनर्थ ना जीव का

कृष्ण-कृपा जो पास 

राखो हर पल हृदय में

कृष्ण-कृपा की आस

 

कृष्ण-कृपा करो 

कृष्ण-कृपा करो 

कृष्ण-कृपा करो 

कृष्ण-कृपा करो 

राधे-कृपा करो 

राधे-कृपा करो 

 

राधे-कृपा करो 

राधे-कृपा करो 

सद्गुरु-कृपा करो 

सद्गुरु-कृपा करो 

सद्गुरु-कृपा करो 

सद्गुरु-कृपा करो 

मो-पे कृपा करो 

मो-पे कृपा करो 

मो-पे कृपा करो 

सब-पे कृपा करो 

 

श्री कृष्ण कृपा जीवन 

मेरा श्री कृष्ण कृपा मम प्राण

श्री कृष्ण कृपा करो 

सब विधि हो कल्याण

 

श्री कृष्ण कृपा विश्वास मम

श्री कृष्ण कृपा ही प्यास

रहे हरपल हर क्षण मुझे 

श्री कृष्ण कृपा की आस

राधा मम बाधा हरो श्री 

 

कृष्ण करो कल्याण

युगल छवि वंदन करो

जय जय राधे श्याम

वृन्दावन सो वन नही 

नन्द गांव सो गांव

वंशीवट सो वट नही 

 

श्री कृष्ण नाम सो नाम

सब द्वारन को 

छोड़ के में आया तेरे द्वार

श्री वृषभानु की लाडली 

जरा मेरी ओर निहार

राधे मेरी स्वामिनी 

 

मै राधे जी को दास

जन्म जन्म मोहे दीजियो 

श्री वृन्दावन को वास

धन वृन्दावन नाम है

धन वृदावन धाम

 

धन वृन्दावन रसिक 

जन सुमरे श्यामा श्याम

वृन्दावन सो वन नही 

नन्द गाव सौ गाव

वंशी वट सो वट नही 

श्री कृष्ण नाम सो नाम

 

सब दारन कू छाड़ी 

मै आयो तेरे दावर

श्री विश्भानु की 

लाडली जरा मेरी ओर निहार

राधे मेरी मात है 

पिता मेरे घनश्याम

 

इन दोनों के चरणों मै 

मेरा कोटि कोटिप्रणाम

इन दोनों के चरणों मे 

मेरा बार बार प्रणाम ||

 

कृष्णा अमृतवाणी लिरिक्स इंग्लिश  में (Krishna Amritvani Lyrics In English)

 

re man kṛshṇ kṛpaamṛt 

 

baras rahayo din rain

 

kṛshṇ kṛpaa se vimukh 

 

tuun kaise paave chain

 

 

nit uṭh kṛshṇ-kṛpaamṛt 

 

paaṭh kare man laay

 

bhakti jñaan vairaagy sang 

 

kṛshṇ kṛpaa mil jaay 

 

 

aasaa kṛshṇ kṛpaa kii raakh

 

yonii kaṭe chowraasii laakh

 

 

kṛshṇ-kṛpaa jiivan kaa saar

 

kare turant bhav saagar paar

 

 

kṛshṇ-kṛpaa jiivan kaa muul

 

khile sadaa bhakti ke phuul

 

 

kṛshṇ-kṛpaa ke bali bali jaauun

 

kṛshṇ-kṛpaa men sab sukh paauun

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa sat-chit aanand

 

prem bhakti kii mile sugandh

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa bin shaanti n paave

 

jiivan dhany kṛpaa mil jaave

 

 

 

simaro kṛpaa kṛpaa hii dhyaao

 

gaae-gaae shrii kṛshṇ rijhaao

 

 

 

asamay hoy nahii koii haani

 

kṛshṇ kṛpaa jo paave praaṇii

 

 

 

vaaṇii kaa samyam bane

 

jag apanaa ho jaae

 

tiin kaal chahun dishi men

 

kṛshṇ hii kṛshṇ hii lakhaay

 

 

kṛshṇ-kṛpaa kaa kar guṇ gaan

 

kṛshṇ-kṛpaa hai sabase mahaan

 

 

sovat jaagat bisare naahiin

 

kṛshṇ-kṛpaa raakho ur maahi

 

 

kṛshṇ-kṛpaa meṭe bhav bhiit

 

kṛshṇ-kṛpaa se man ko jiit

 

 

aapad duur-duur te bhaage

 

kṛshṇ-kṛpaa kah nit jo jaage

 

 

sove kṛshṇ-kṛpaa hii kah kar

 

le aanand mod hiy bharakar

 

 

khoṭe svapn tahaan kou naahian

 

kṛshṇ-kṛpaa rakshak nisi maahian

 

 

khaave kṛshṇ-kṛpaa mukh bol

 

kṛshṇ-kṛpaa kaa jag men ḍol 

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa kah piive paanii

 

param sudhaa sam hove vaanii

 

 

kṛshṇ-kṛpaa ko chaahakar

 

bhajan karo nis kaam

 

prem mile aanand mile

 

hove puuraṇ kaam

 

 

kṛshṇ-kṛpaa sab kaam samvaare

 

chintaaon kaa bhaar utaare

 

 

 

iirshyaa lobh moh-hankaar

 

kṛshṇ-kṛpaa se ho nistaar

 

 

kṛshṇ-kṛpaa shashi kiraṇ samaan 

 

shiital hoy buddhi man praaṇ

 

 

 

koṭi janm kii pyaas bujhaave

 

kṛshṇ-kṛpaa kii buund jo paave 

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa kii lo patavaar 

 

jhaṭ ho jaao bhav se paar

 

 

kṛshṇ-kṛpaa ke raho sahaare 

 

jiivan naiyaa lage kinaare 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa mere man bhaave 

 

kṛshṇ-kṛpaa sukh sammati laave 

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa kii dekhii riit 

 

badhe nity kaanhaa sang priit

 

 

kṛshṇ-kṛpaa ke aasare

 

bhakt rahe jo koy

 

vṛddhi hoye dhan-dhaany kii

 

ghar men mangal hoye

 

 

kṛshṇ-kṛpaa jag mangal karanii

 

kṛshṇ kṛpaa te paavan dharanii

 

 

tiin lok men kare prakaashaa

 

kṛshṇ-kṛpaa kah ley usaasaa 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa jag paavanii gangaa 

 

koṭi -paap karatii kshaṇ bhangaa

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa amṛt kii dhaar

 

piivat paramaanand apaar

 

 

kṛshṇ kṛpaa ke rangat pyaarii

 

chadhe prem-aanand khumaarii

 

 

 

utare nahii utaare koy

 

kṛshṇ-kṛpaa sang gaharii hoy

 

 

miiraagaṇikaasadan kasaaii

 

kṛshṇ-kṛpaa te mukti paaii 

 

 

 

vyaadhaajaamil giidhaajaan

 

kṛshṇ-kṛpaa te bhaye mahaan 

 

 

bhramit jiiv ko chaahiye

 

kṛshṇ-kṛpaa ko paay 

 

nishchit ho jiivan sukhii

 

sab samshay miṭ jaay

 

 

kṛshṇ-kṛpaa avichal sukh dhaam 

 

kaisaa madhur manohar naama

 

 

shyaam-shyaam nirantar gaave 

 

kṛshṇ-kṛpaa sahajahin mil jaave 

 

 

 

dhyaave kṛshṇ-kṛpaa low laay 

 

surati dasham dvaar chadhi jaay

 

 

dikhe shvet -shyaam prakaash 

 

puuraṇ hoy jiiv kii aas

 

 

naash hoy ajñaan andheraa

 

kṛshṇ-kṛpaa kaa hoy saveraa 

 

 

pheraa janm -maraṇ kaa chhuṭe 

 

kṛshṇ-kṛpaa kaa aanand luuṭe 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa hii hain duahkh bhanjan 

 

kṛshṇ-kṛpaa kaaṭe bhaav -bandhan 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa sab saadhan kaa phal 

 

kṛshṇ-kṛpaa hain nirbal kaa bal 

 

 

tiin lok tihun kaal men 

 

vairii rahe naa koy

 

kṛshṇ-kṛpaa hiy dhaari ke 

 

kṛshṇ bharose hoy

 

 

kṛshṇ-kṛpaa te miṭe duraasaa 

 

raakho kṛshṇ-kṛpaa kii aasaa 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa te rog nasaaven 

 

duahkh daaridr kabhii paas n aaven

 

 

kṛshṇ-kṛpaa meṭe ajñaan 

 

aatm-svaruup kaa hove bhaan 

 

kṛshṇ-kṛpaa te bhakti paave 

 

mukti sadaa daas ban jaave

 

 

kṛshṇ naam hain khevan haar

 

kṛshṇ-kṛpaa se ho bhav paar 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa hii naiyaa terii 

 

paar lage pal men bhavaberii 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa hii sachchaa miit

 

kṛshṇ-kṛpaa te le jag jiit 

 

 

maataa-pitaagurubandhu jaan

 

kṛshṇ-kṛpaa te naataa maan 

 

 

kaal aaye par miit naa

 

sut daaraa aru mitr

 

sadaa sahaay shrii kṛshṇ-kṛpaa 

 

mantr hain param pavitr

 

 

kṛshṇ-kṛpaa barase ghan-vaarii 

 

bhakti prem kii sarase kyaarii

 

 

kṛshṇ-kṛpaa sab duahkh nasaavan 

 

hove tan-man –jiivan paavan

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa aatm kii bhuukh 

 

vishay vaasanaa jaave suukh

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa te chintaa naahiin 

 

kṛshṇ-kṛpaa hii sachchaa saaiin 

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa de sat vishraam 

 

bolo kṛshṇ-kṛpaa nishi yaam 

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa bin jiivan vyarth 

 

kṛshṇ-kṛpaa te miṭen anartha

 

hoye anarth naa jiiv kaa

 

kṛshṇ-kṛpaa jo paas 

 

raakho har pal hṛday men

 

kṛshṇ-kṛpaa kii aas

 

 

 

kṛshṇ-kṛpaa karo 

 

kṛshṇ-kṛpaa karo 

 

kṛshṇ-kṛpaa karo 

 

kṛshṇ-kṛpaa karo 

 

raadhe-kṛpaa karo 

 

raadhe-kṛpaa karo 

 

 

 

raadhe-kṛpaa karo 

 

raadhe-kṛpaa karo 

 

sadguru-kṛpaa karo 

 

sadguru-kṛpaa karo 

 

sadguru-kṛpaa karo 

 

sadguru-kṛpaa karo 

 

mo-pe kṛpaa karo 

 

mo-pe kṛpaa karo 

 

mo-pe kṛpaa karo 

 

sab-pe kṛpaa karo 

 

 

 

shrii kṛshṇ kṛpaa jiivan 

 

meraa shrii kṛshṇ kṛpaa mam praaṇ

 

shrii kṛshṇ kṛpaa karo 

 

sab vidhi ho kalyaaṇ

 

 

 

shrii kṛshṇ kṛpaa vishvaas mam

 

shrii kṛshṇ kṛpaa hii pyaas

 

rahe harapal har kshaṇ mujhe 

 

shrii kṛshṇ kṛpaa kii aas

 

raadhaa mam baadhaa haro shrii 

 

 

 

kṛshṇ karo kalyaaṇ

 

yugal chhavi vandan karo

 

jay jay raadhe shyaam

 

vṛndaavan so van nahii 

 

nand gaanv so gaanv

 

vamshiivaṭ so vaṭ nahii 

 

 

 

shrii kṛshṇ naam so naam

 

sab dvaaran ko 

 

chhod ke men aayaa tere dvaar

 

shrii vṛshabhaanu kii laaḍalii 

 

jaraa merii or nihaar

 

raadhe merii svaaminii 

 

 

mai raadhe jii ko daas

 

janm janm mohe diijiyo 

 

shrii vṛndaavan ko vaas

 

dhan vṛndaavan naam hai

 

dhan vṛdaavan dhaam

 

 

 

dhan vṛndaavan rasik 

 

jan sumare shyaamaa shyaam

 

vṛndaavan so van nahii 

 

nand gaav sow gaav

 

vamshii vaṭ so vaṭ nahii 

 

shrii kṛshṇ naam so naam

 

 

sab daaran kuu chhaadii 

 

mai aayo tere daavar

 

shrii vishbhaanu kii 

 

laaḍalii jaraa merii or nihaar

 

raadhe merii maat hai 

 

pitaa mere ghanashyaam

 

 

in donon ke charaṇon mai 

 

meraa koṭi koṭipraṇaam

 

in donon ke charaṇon me 

 

meraa baar baar praṇaam ..

 

 

 

 

 

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