Current Date: 18 Nov, 2024

किरपा करो संकट हरो

- उमा लहरी जी।


किरपा करो संकट हरो,
ओ सांवरे मेरी झोली भरो,
माफ कर दो मेरी गलतियाँ,
तेरे चरणों में जीवन बिताऊंगा मैं,
छोड़ तुझको कहाँ और जाऊंगा मैं।।

तर्ज – जिसका मुझे था इंतज़ार।

देखा ना कोई तुझसा दयालु,
डूबेगी नैया कैसे सम्भालूं,
तू जो बचाएगा तो,
लाज बच जाएगी,
बिगड़ी जो मेरी,
वो बात बन जाएगी,
पास कर दे मेरी हुंडिया,
तेरे चरणों में जीवन बिताऊंगा मैं,
छोड़ तुझको कहाँ और जाऊंगा मैं।।

एक नजर जो हो जाए तेरी,
बिगड़ी ये हालत संवर जाए मेरी,
नाचूँगा झुमुंगा,
तेरे गुण गाऊंगा,
हाथो से अपने मैं,
तुझको सजाऊंगा,
भर दे भर दे मेरी झोलियाँ,
तेरे चरणों में जीवन बिताऊंगा मैं,
छोड़ तुझको कहाँ और जाऊंगा मैं।।

कितना सहूँ इन्तहा हो गई है,
खुशियाँ क्यों मुझसे खफा हो गई है,
सांवरे कन्हैया,
शरण तेरी आया हूँ,
तुझसे ओ बाबा,
उम्मीदे बड़ी लाया हूँ,
‘लहरी’ सुन ले मेरी विनतियाँ,
तेरे चरणों में जीवन बिताऊंगा मैं,
छोड़ तुझको कहाँ और जाऊंगा मैं।।

किरपा करो संकट हरो,
ओ सांवरे मेरी झोली भरो,
माफ कर दो मेरी गलतियाँ,
तेरे चरणों में जीवन बिताऊंगा मैं,
छोड़ तुझको कहाँ और जाऊंगा मैं।।

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