Current Date: 22 Nov, 2024

रहता है मेरे साथ में, कोई साथ हो ना हो

- अभिषेक मिश्रा


रहता है मेरे साथ में,
कोई साथ हो ना हो,
चलता है मेरे साथ में,
कोई साथ हो ना हो।।

तर्ज – मिलती है जिंदगी में।

दुनिया के झूठे साथ से,
सच्चा है तेरा साथ,
दुनिया बदलती रूप है,
जैसे दिन और रात,
अँधियारो में भी संग खड़ा,
कोई संग हो ना हो,
चलता है मेरे साथ में,
कोई साथ हो ना हो।।

एक बार जो आया दर तेरे,
थामा है तूने हाथ,
पल में बदलता सांवरा,
बिगड़े हुए हालात,
परछाई बन के चल रहा,
कोई और हो ना हो,
चलता है मेरे साथ में,
कोई साथ हो ना हो।।

लाखो करोडो भक्तो की,
सुनता है मन की बात,
‘अभिषेक’ के भी सांवरे,
सर पे है तेरा हाथ,
जब तू खड़ा है साथ में,
कोई भी दुःख ना हो,
चलता है मेरे साथ में,
कोई साथ हो ना हो।।

रहता है मेरे साथ में,
कोई साथ हो ना हो,
चलता है मेरे साथ में,
कोई साथ हो ना हो।।

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