Current Date: 20 Nov, 2024

कोई नहीं हनुमान जैसा

- मुरारी जी वर्मा


कोई नहीं जहाँ में,
धनवान मेरे जैसा,
दाता मिला गरीब को,
दाता मिला गरीब को,
हनुमान तेरे जैसा,
कोई नही जहाँ में,
धनवान मेरे जैसा।।

तर्ज – चूड़ी मजा ना देगी।


किस्मत की है गरीबी,
तक़दीर का है पैसा,
तक़दीर का ये मालिक,
घबराना तेरा कैसा,
भक्तो को होना चाहिए,
भक्तो को होना चाहिए,
ये ज्ञान मेरे जैसा,
कोई नही जहाँ में,
धनवान मेरे जैसा।।


सरकार सबसे ऊँची,
हनुमान है तुम्हारी,
दीनो के दाता तुमसे,
पहचान है हमारी,
पहुँचा सही ठिकाने,
पहुँचा सही ठिकाने,
अंजाम मेरे जैसा,
कोई नही जहाँ में,
धनवान मेरे जैसा।।


दौलत बनाए बंगला,
पतवार ना बनाए,
माझी नहीं बिकाऊ,
माझी कहाँ से लाए,
समझो लगा किनारे,
समझो लगा किनारे,
नादान मेरे जैसा,
कोई नही जहाँ में,
धनवान मेरे जैसा।।


‘बनवारी’ एक ही है,
धनवान मुझसे ज्यादा,
धोखा तो कर रहा हूँ,
कैसे करूँ इरादा,
धनवान बन सका ना,
धनवान बन सका ना,
हे राम तेरे जैसा,
कोई नही जहाँ में,
धनवान मेरे जैसा।।


कोई नहीं जहाँ में,
धनवान मेरे जैसा,
दाता मिला गरीब को,
दाता मिला गरीब को,
हनुमान तेरे जैसा,
कोई नही जहाँ में,
धनवान मेरे जैसा।।

 

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