फूलों की है फुलवारी,
फूलों की बगिया सारी,
फूलों में फूल पिरोके,
बनती है माला न्यारी,
फूल अम्बर बरसाए,
फूल धरती उपजाए,
फूलों की माला पहने,
मैया हमारी,
फूलो की है फुलवारी,
फूलों की बगिया सारी।।
तर्ज – पत्थर की राधा प्यारी।
लाखों फूल खिले गुलशन में,
कौन सा किस्मत पाए,
जो भी माँ के चरण चढ़ जाए,
ऐसे फूल भी हैं दुनिया में,
बिना खिले मुरझाये,
कोई भेद समझ ना पाए,
फूल नारद लिए,
फूल शारद लिए,
फूल ब्रह्मा लिए,
फूल विष्णु लिए,
फूलों की वर्षा करते,
भोले भंडारी,
फूलो की है फुलवारी,
फूलों की बगिया सारी।।
फूलों की वरमाला लेके,
जनक दुलारी आई,
जब था धनुष राम ने तोड़ा,
फूलों से हुआ अवध में स्वागत,
घर घर खुशियां छाई,
देखा रामसिया का जोड़ा,
फूल जब दो मिले,
फूल मन के खिले,
धूम ‘सितारा’ मची,
दीपक घर घर जले,
फूलों के भेंटे लाये सारे नर नारी,
फूलो की है फुलवारी,
फूलों की बगिया सारी।।
फूलों में प्रभु श्याम बसे हैं,
बसी है राधा रानी,
दोनों सृष्टि के कल्याणी,
फूल खिलाये फूल उजाड़े,
फूलों को दो पानी,
इसकी महिमा किसी ने ना जानी,
लाल पीले हरे,
फूल खुशबू भरे,
फूल देवी पे चढ़े,
फूले गजरे में जड़े,
फूलों में सजे हुए है बांके बिहारी,
फूलो की है फुलवारी,
फूलों की बगिया सारी।।
फूल कमल पर बैठ के लक्ष्मी,
मंद मंद मुस्काए,
सारी दुनिया के मन भाए,
फूल कमल फूलों का राजा,
मन ही मन हरषाये,
विष्णु नाभि बीच समाये,
डाली डाली इसे,
इसे तोडा गया,
एक माला में इस,
को पिरोया गया,
कीचड में पैदा इसकी,
किस्मत क्या प्यारी,
फूलो की है फुलवारी,
फूलों की बगिया सारी।।
फूलों की है फुलवारी,
फूलों की बगिया सारी,
फूलों में फूल पिरोके,
बनती है माला न्यारी,
फूल अम्बर बरसाए,
फूल धरती उपजाए,
फूलों की माला पहने,
मैया हमारी,
फूलो की है फुलवारी,
फूलों की बगिया सारी।।
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