सुबह शाम आठो याम,
यहीं नाम लिए जा,
खुश होंगे हनुमान,
राम राम किए जा।।
लिखा था राम नाम वो,
पत्थर भी तर गए
किए राम से जो बैर,
जीते जी वो मर गए
बस नाम का रसपान,
ए इंसान किए जा
खुश होगे हनुमान,
राम राम किए जा।।
राम नाम की धुन पे नाचे,
हो कर के मतवाला
बजरंगी सा इस दुनिया में,
कोई ना देखा भाला,
जो भी हनुमत के दर पे आता,
उसका संकट टाला,
मुख में राम, तन में राम,
जपे राम राम की माला।
जहाँ राम का कीर्तन,
वही हनुमान जति हो,
गोदी मे गणपति को लें,
शिव पार्वती हो,
सियाराम की कृपा से,
सौ साल जिए जा,
खुश होगे हनुमान,
राम राम किए जा।।
जिसपे दया श्री राम की,
बांका ना बाल हो,
उसका सहाई ‘लक्खा’,
अंजनी का लाल हो
‘राजपाल’ तू हर हाल में,
जयकार किए जा,
खुश होगे हनुमान,
राम राम किए जा।।
सुबह शाम आठो याम,
यहीं नाम लिए जा,
खुश होंगे हनुमान,
राम राम किए जा।।
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