खाटू श्याम ने शीश का दान किया था हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था और वह बहुत ही वीर योद्धा थे और उन्हें दुर्गा माता से विजय होने का वरदान भी प्राप्त हुआ था क्योंकि वह प्राणों की प्रवाह किए बिना अपना सिर धड़ से अलग करने वाले बर्बरीक से प्रसन्न होकर |
उन्हें श्रीकृष्ण ने वरदान दिया था कि तुम कलयुग में उनके श्याम नाम से जाने जाओगे ऐसा कहा जाता है कि कलयुग में जो भी व्यक्ति उनका नाम लेता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और नीले घोड़े की सवारी करने वाले खाटू श्याम बाबा को हारे का सहारा, लखदातार, शीश का दानी, खाटू श्याम जी आदि नामों से भी जाना जाता है.
ऐसा कहा जाता है कि खाटू श्याम बाबा की पूजा और आरती करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से खाटू श्याम की आरती के बारे में बताने वाले हैं.
खाटू श्याम की पूजा विधि-
- अगर आप लोग खाटू श्याम बाबा की पूजा करना चाहते हैं तो हम आप लोगों को बता दें कि खाटू श्याम के लिए भक्ति का प्रेम आस्था और अटूट विश्वास बहुत ही महत्वपूर्ण है लेकिन जो लोग खाटू श्याम बाबा की विधि विधान पूर्वक पूजा करते हैं या फिर करना चाहते हैं.
- तो उसके लिए हमने खाटू श्याम बाबा की पूजा विधि निम्न प्रकार से नीचे आपको दे दी है खाटू श्याम बाबा की पूजा करने का तरीका बहुत ही आसान है इस विधि में किसी भी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है।
- खाटू श्याम बाबा की पूजा शुरू करने से पहले आपको उनकी एक मूर्ति या फिर चित्र को बाजार से खरीद कर ले आना है उसके बाद किसी साफ-सुथरे स्थान पर या फिर अपने पूजा घर के स्थान पर उन्हें विराजमान कर देना है.
- उसके बाद आपको खाटू श्याम बाबा की मूर्ति के सामने अगरबत्ती धूप, घी का दीपक ,फूल, फूल माला, कच्चा दूध, आदि सामग्री प्रसाद के साथ सब तैयार करके रख लेना है।
- उसके बाद आपको खाटू श्याम बाबा की मूर्ति या फिर फोटो दही दूध या फिर पंचामृत स्नान कराना है अब आप को साफ पानी से खाटू श्याम बाबा को पुनः स्नान कराना है उसके बाद किसी साफ-सुथरे तोलिया , रुमाल किसी भी चीज से पहुंचकर साफ करके स्थापित कर देना है उसके बाद आपको खाटू श्याम बाबा को फूल माला पहनाना है फिर फूल चढ़ाने हैं।
- उसके बाद आपको उनके सामने घी का दीपक जलाना है और धूपबत्ती अगरबत्ती दिखाएं।
- उसके बाद आपको खाटू श्याम बाबा को पहले कच्चा दूध और उसके पश्चात भोग प्रसाद और सारी सामग्री चलानी है।
- अब आप को भोग लगाने के बाद खाटू श्याम बाबा की आरती गाते हुए उनकी वंदना करनी है।
- जैसे ही आप की आरती समाप्त होती है और आप की पूरी पूजा समाप्त हो जाती है उसके बाद आपको अंत में खाटू श्याम बाबा से कहना है कि पूजन विधि में जाने अनजाने में हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा प्रदान करें और उसके बाद खाटू श्याम बाबा से कृपा प्राप्त करने के लिए उनसे विनती करें।
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