Current Date: 19 Dec, 2024

खाटू में विराजे बाबा श्याम

- पुलकित सिंगला


वो जो खाटू में विराजे बाबा श्याम,
चलो जी पिया दर्श करे,
चलो जी पिया दर्श करे,
उनकी गोदी में मिले है आराम,
चलो जी पिया दर्श करे।।

तर्ज – म्हाने पिहरियो सो लागे खाटू धाम।


मस्तक पर मलियागिरि चन्दन,
केसर तिलक लगायो,
मोर मुकुट कानो में कुण्डल,
नैनन कजरा लगायो,
इनकी मोहिनी छवि पे दिल थाम,
चलो जी पिया दर्श करे,
वो जो खाटु में विराजे बाबा श्याम,
चलो जी पिया दर्श करे।।


लीले चढ़ कर आयो रे सांवरो,
तीन बाण को धारी,
बदल बदल कर बागो पहने,
देखें सब नर नारी,
इनके झाड़े से बने है सब काम,
चलो जी पिया दर्श करे,
वो जो खाटु में विराजे बाबा श्याम,
चलो जी पिया दर्श करे।।


बागा से कलियां चुन चुन कर,
सुन्दर हार बणायो,
सवा रूपया एक नारियल,
बाबा को है चढ़ायो,
मैं तो पैदल चलकर आई खाटूधाम,
चलो जी पिया दर्श करे,
वो जो खाटु में विराजे बाबा श्याम,
चलो जी पिया दर्श करे।।


हर ग्यारस पर चाहूँ बाबा,
मैं तो खाटू आना,
मीठ मीठे भजन सुनाकर,
चाहूँ तुझे रिझाना,
‘रेखा पुलकित’ भी करे है मनुहार,
चलो जी पिया दर्श करे,
वो जो खाटु में विराजे बाबा श्याम,
चलो जी पिया दर्श करे।।


वो जो खाटू में विराजे बाबा श्याम,
चलो जी पिया दर्श करे,
चलो जी पिया दर्श करे,
उनकी गोदी में मिले है आराम,
चलो जी पिया दर्श करे।।

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