आँखों में श्याम नाम का सपना सजा लिया
खाटू में जाके श्याम को अपना बना लिया
महसूस जब कमी हुई अपनों के प्यार की
चरणों में शीश के दानी के सर को झुका लिया
आँखों में श्याम नाम का
मुश्किल भरी थी ज़िन्दगी आसान तब हुई
मेरी राहें कठिन थी श्याम को साथी बना लिया
आँखों में श्याम नाम का
भटकेगा कैसे दिल मेरा दुनिया की भीड़ में
आयुष ने खाटू वाले को दिल में बसा लिया
आँखों में श्याम नाम का
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