Current Date: 20 Nov, 2024

खाटू की मिटटी है जादूगरी

- सरदार धर्मेंद्र सिंह


तेरे खाटू की मिटटी है जादू भरी,
जो भी माथे लगाया गज़ब हो गया,
जिसको मालूम ना था तू रहता कहाँ,
उसको खाटू बुलाना ग़ज़ब हो गया,
तेरे खाटू की मिटटी है जादूगरी।।

तर्ज – हाल क्या है दिलों का।


तेरी आँखों का जलवा जो सर पे चढ़ा,
वो दीवाना तेरा श्याम होने लगा,
तेरी नज़रें है गहरा समंदर बाबा,
जो भी इसमें समाया ग़ज़ब हो गया,
तेरे खाटू की मिटटी है जादूगरी।।


रेत खाटू की हर दर्द की है दवा,
सारी दुनिया बनी आज इसकी गवाह,
बैठे बैठे तू करता करिश्मा यहाँ,
रोते चेहरे हंसाया गज़ब हो गया,
तेरे खाटू की मिटटी है जादूगरी।।


स्वर्ग से कम नहीं है तेरा धाम रे,
तेरी महिमा अजब और गज़ब सांवरे,
सांवरे तूने ‘कुंदन’ की ये ज़िन्दगी,
खूबसूरत बनाया ग़ज़ब हो गया,
तेरे खाटू की मिटटी है जादूगरी।।


तेरे खाटू की मिटटी है जादू भरी,
जो भी माथे लगाया गज़ब हो गया,
जिसको मालूम ना था तू रहता कहाँ,
उसको खाटू बुलाना ग़ज़ब हो गया,
तेरे खाटू की मिटटी है जादूगरी।।

 

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