खाटू आते है खाटू आते हैं,
ज्योत जगा के भजन सुना के,
तुझे रिझाते है,
खाटू आते हैं खाटू आते हैं।।
तर्ज – मैं ना भूलूंगा।
खाटू की माटी तो,
बड़ी ही पावन है,
देखी जो श्याम बगीची,
बड़ी मन भावन है,
आ जाते है जब जब तेरी,
याद सताती है,
तुम से है जो प्रेम का रिश्ता,
हम तो निभाते है ,
खाटू आते हैं खाटू आते हैं।।
बड़ा निर्मल जल है,
बाबा तेरे कुंड का,
गजब दीवाना पन,
दीवानों के झुंड का,
तुमसे मिलने की चाहत,
हम को तडपाती है,
तुम से है जो प्रेम का रिश्ता,
हम तो निभाते है,
खाटू आते हैं खाटू आते हैं।।
बुलाते रहना तुम,
खाटू में सांवरिया,
सुनाते रहना तुम,
प्रेम की बांसुरिया,
‘चोखानी’ संग ‘राधे’ को,
तेरी छवि लुभाती है,
तुम से है जो प्रेम का रिश्ता,
हम तो निभाते है ,
खाटू आते हैं खाटू आते हैं।।
खाटू आते है खाटू आते हैं,
ज्योत जगा के भजन सुना के,
तुझे रिझाते है,
खाटू आते हैं खाटू आते हैं।।
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।