Current Date: 22 Nov, 2024

केरवा के पातवा पे

- Pawan Singh


जय जय छठी मईया !
जय जय छठी मईया !
केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी
नेवता करी ना स्वीकार जी
हां लिही ना अरघ मोर आदित गोसईया
बरतीं के सुन ली पुकार जी
हां केरवा के पातवा पे नेवता पेठवनी !
नेवता करी ना स्वीकार जी !!

हो ओ ओ ओ ओ..!
हो ओ ओ ओ ओ..!
जय छठी मईया !
देहब अरघ दुनो बेरा आदित तोहे सझिया फजीरे
हो ओ ओ ओ ओ..!
दूसरा अरघ देके मांगब आशीष आके गंगा के तीरे
दीन के सहईया रउवे रोग हरईया जी
रउवे से जग में अजोर जी
हां केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी
नेवता करी ना स्वीकार जी
हां केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी !
नेवता करी ना स्वीकार जी !!

जय छठी मईया !
नजरी के कोर से करिले अजोर जग रउवे से जागेला
हो ओ ओ ओ ओ..!
रउवे से रात होला रउवे से दिन काल चक्र चलेला
हर साल करब बरत आई छठी घटिया हो
हमनी पs करब उपकार जी
हां लिही ना अरघ मोर आदित गोसईया
बरतीं के सुन ली पुकार जी
हां केरवा के पातवा पे नेवता पेठवनी !
नेवता करी ना स्वीकार जी !!

केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी
नेवता करी ना स्वीकार जी
हां लिही ना अरघ मोर आदित गोसईया
बरतीं के सुन ली पुकार जी
हां केरवा के पातवा पे नेवता पेठवनी !
नेवता करी ना स्वीकार जी !!
हां केरवा के पातवा पे नेवता पेठवनी !
नेवता करी ना स्वीकार जी !!

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