Current Date: 31 Oct, 2024

कर्पूरगौरं मंत्र

- अविनाश कर्ण


कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।।

108 जाप

मंत्र का अर्थ
जो कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं
और भुजंगों का हार धारण करते हैं, वे भगवान शिव माता भवानी सहित
मेरे ह्रदय में सदैव निवास करें और उन्हें मेरा नमन है ।

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