Current Date: 18 Dec, 2024

करने को कल्याण

- Sanjo Baghel


F:-        तीन लोक में जब मची असुराण की हाहाकार 
प्रकटभई जगदम्बिका ले काली अवतार
        करने को कल्याण लिया है काली ने अवतार
कोरस :-    करने को कल्याण लिया है काली ने अवतार
F:-        काली माँ भवानी तेरी शक्ति हैअपार
कोरस :-     काली माँ भवानी तेरी शक्ति है अपार
F:-        दुष्टों का आतंक था भारी
कोरस :-     दुष्टों का आतंक था भारी
F:-        मची हुई थी हाहाकारी
कोरस :-     मची हुई थी हाहाकारी
F:-        परेशान थे नर और नारी
कोरस :-     परेशान थे नर और नारी
F:-        संकट में थे पृथ्वी सारी
कोरस :-    संकट में थे पृथ्वी सारी
F:-        साधु संत महंत विचारे
कोरस :-     साधु संत महंत विचारे
F:-        दहशत में रहते थे सारे
कोरस :-     दहशत में रहते थे सारे
F:-        पूजन पाठ ना कर पाते थे
कोरस :-     पूजन पाठ ना कर पाते थे
F:-        असुर अधर्मी आ जाते थे
कोरस :-     असुर अधर्मी आ जाते थे
F:-        सभी देवता हार चुके थे
कोरस :-     सभी देवता हार चुके थे
F:-        बल में उनके आगे झुके थें
कोरस :-    बल में उनके आगे झुके थें
F:-        तीन लोक में उनकी सत्ता
कोरस :-     तीन लोक में उनकी सत्ता
F:-        देवताओं का कट गया पत्ता  
कोरस :-    देवताओं का कट गया पत्ता  
F:-        आदि भवानी से देवों ने
कोरस :-     आदि भवानी से देवों ने
F:-        वर्षों किया पुकार , हे काली माँ भवानी तेरी शक्ति है अपार-2
कोरस :-     काली माँ भवानी तेरी शक्ति है अपार
F:-        सभी देवगण आए हिमालय
कोरस :-     सभी देवगण आए हिमालय
F:-        छाया दुष्टों का इतना भय
कोरस :-     छाया दुष्टों का इतना भय
F:-        आवाहन देवी का करते
कोरस :-     आवाहन देवी का करते
F:-        जगदम्बा को दिल सुमरते
कोरस :-     जगदम्बा को दिल सुमरते
F:-        इनकी विनती सुनी भवानी
कोरस :-     इनकी विनती सुनी भवानी
F:-        संकट को इनकी पहचानी 
कोरस :-     संकट को इनकी पहचानी 
F:-        हो गया भक्तों वह अचंभा
कोरस :-      हो गया भक्तों वह अचंभा
F:-        पार्वती आई जगदम्बा
कोरस :-    पार्वती आई जगदम्बा
F:-        पार्वती की देह से दूजी 
कोरस :-    पार्वती की देह से दूजी 
F:-        प्रकट हुई थी नारी कोस्की 
कोरस :-    प्रकट हुई थी नारी कोस्की
F:-        रूप कोस्की का था काला 
कोरस :-    रूप कोस्की का था काला 
F:-        तीन रूप में विकट निराला
कोरस :-    तीन रूप में विकट निराला
F:-        जिन्हे देख कर लगता था डर
कोरस :-    जिन्हे देख कर लगता था डर
F:-        बड़ा भयानक बड़ा भयंकर
कोरस :-    बड़ा भयानक बड़ा भयंकर
F:-        काली हुई प्रकट थी लेकर
कोरस :-    काली हुई प्रकट थी लेकर
F:-        खड्ग गदा तलवार
F:-        हे काली माँ भवानी तेरी शक्ति हैअपार
कोरस :-    हे काली माँ भवानी तेरी शक्ति है अपार
F:-        सभी देवता हर्ष मनाएं
कोरस :-     सभी देवता हर्ष मनाएं
F:-        माँ की जय जयकार लगाई
कोरस :-     माँ की जय जयकार लगाई
F:-        काली जी को व्यथा सुनायें
कोरस :-    काली जी को व्यथा सुनायें
F:-        अपना हर संकट बतलायें
कोरस :-     अपना हर संकट बतलायें
F:-        काली चार भुजाओं वाली
 कोरस :-     काली चार भुजाओं वाली
F:-        सभी भुजाएँ शक्तिशाली
कोरस :-     सभी भुजाएँ शक्तिशाली
F:-        हर हाथों में अस्त्र सभाली
कोरस :-     हर हाथों में अस्त्र सभाली
F:-        नहीं एक पल रुकने वाली
कोरस :-     नहीं एक पल रुकने वाली
F:-        काली दुष्टों को ललकारे
कोरस :-     काली दुष्टों को ललकारे
F:-        क्रोध में भरती हैं हुंकारें
कोरस :-     क्रोध में भरती हैं हुंकारें
F:-        बिजली जैसे गरज रही है
कोरस :-     बिजली जैसे गरज रही है
F:-        काली खुद के बस में नहीं हैं
कोरस :-     काली खुद के बस में नहीं हैं
F:-        धरती काँपे अम्बर डोले
कोरस :-     धरती काँपे अम्बर डोले
F:-        चली कालिका अब लट खोले
कोरस :-     चली कालिका अब लट खोले
F:-        मचा दिया हे माँ काली ने
कोरस :-     मचा दिया हे माँ काली ने
F:-        रण में हाहाकार
हे काली माँ भवानी तेरी शक्ति हैअपार
कोरस :-     हे काली माँ भवानी तेरी शक्ति है अपार
F:-        दानव का वध करने वाली
कोरस :-     दानव का वध करने वाली
F:-        आज क्रोध में है मतवाली
कोरस :-     आज क्रोध में है मतवाली
F:-        तीनो लोक सुनो थर्राही
कोरस :-     तीनो लोक सुनो थर्राही
F:-        क्रोध की ज्वाला कौन बुझाये
कोरस :-     क्रोध की ज्वाला कौन बुझाये
F:-        देवी देवता सब घबराए
कोरस :-     देवी देवता सब घबराए
F:-        डर के मारे निकट ना आयें
कोरस :-     डर के मारे निकट ना आयें
F:-        रण भूमि में घूम रही माँ
कोरस :-     रण भूमि में घूम रही माँ
F:-        बेसूद हो कर झूम रही माँ
कोरस :-     बेसूद हो कर झूम रही माँ
F:-        तब काली के आगे आकर
कोरस :-     तब काली के आगे आकर
F:-        चित लेट गए भोले शंकर
कोरस :-     चित लेट गए भोले शंकर
F:-        पैर पड़ा जो शिव के ऊपर
कोरस :-     पैर पड़ा जो शिव के ऊपर
F:-        क्रोध हुआ क्षण में छू मंतर
कोरस :-     क्रोध हुआ क्षण में छू मंतर
F:-        आई अचरज में माँ काली
कोरस :-     आई अचरज में माँ काली
F:-        तो अफ़सोस में जीभ निकाली
कोरस :-     तो अफ़सोस में जीभ निकाली
F:-        संजू अलख निरंजन से ही
कोरस :-     संजू अलख निरंजन से ही
F:-        बच पाया संसार
हे काली माँ भवानी तेरी शक्ति हैअपार
कोरस :-     हे काली माँ भवानी तेरी शक्ति है अपार-4

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।