होठ वही पावन जापे जो वैष्णो नाम
करके माँ का ध्यान चल तू वैष्णो माँ के धाम
होठ वही पावन जापे जो वैष्णो नाम
माँ है शब्द अमृत जो पिए सुबह शाम
बचाले संकट से अपने भक्तो के प्राण
करके माँ का ध्यान चल तू वैष्णो माँ के धाम
वरदानी कल्याणी है ऐसी मईया
धुप जलाये तब दे प्रेम छैया
कौन नहीं माता का करे गुणगान
बचाले संकट से अपने भक्तो के प्राण
होठ वही पावन जापे जो वैष्णो नाम
करके माँ का ध्यान चल तू वैष्णो माँ के धाम
देवी के दर्शन वही भक्त पाए
माँ अम्बे जिसको निज दर पे बुलाये
दीवाने अम्बे के लोग तमाम
बचाले संकट से अपने भक्तो के प्राण
माँ है शब्द अमृत जो पिए सुबह शाम
बचाले संकट से अपने भक्तो के प्राण
करके माँ का ध्यान चल तू वैष्णो माँ के धाम
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