मांगना है तो फिर प्यार मांग लो,
खुशियों का तुम उपहार मांग लो,
मांगना है तो फिर प्यार माँग लो।।
तर्ज – फूल मांगू ना बहार।
घर परिवार में शांति होवे,
ये है सब से जरुरी,
मन में किसी के मैल ना होवे,
रिश्तो में ना हो दुरी,
जीवन ज्यादा कुछ नहीं,
सुख दुःख का है खेल,
दौलत शोहरत ये सभी,
हाथो का है मैल,
मांगना है तो संस्कार मांग लो,
खुशियों का तुम उपहार मांग लो,
मांगना है तो फिर प्यार माँग लो।।
तृष्णाओं का अंत नही है,
दिन पर दिन बढ़ती जाए,
श्याम मिलन की राह से हमको,
हर पल दूर हटाए,
रिश्ता श्याम से जरा,
देखो जोड़ के,
सबकुछ श्याम पे जरा,
देखो छोड़ के,
मांगना है तो व्यवहार मांग लो,
खुशियों का तुम उपहार मांग लो.
मांगना है तो फिर प्यार माँग लो।।
कर्म करो कुछ ऐसा ‘मोहित’,
रोते लबो को हँसाओ,
हारे हुओ का साथी बनके,
श्याम का हाथ बंटाओ,
पुण्य अच्छे कर्मो का,
बच्चों को मिले,
उनकी जिन्दगी सदा,
फुले और फले,
मांगना है तो दीदार मांग लो,
खुशियों का तुम उपहार मांग लो.
मांगना है तो फिर प्यार माँग लो।।
मांगना है तो फिर प्यार मांग लो,
खुशियों का तुम उपहार मांग लो,
मांगना है तो फिर प्यार माँग लो।।
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