कण कण में है साईं - kan kan mein hai Sai
अल्लाह है साई ईश्वर है साई कण कण में है साई,
पशु पक्षी और पेड़ पौधे, जल जल में है साई,
जलवा मेरे साई का रहता है फिज़ाओ में,
रुतबा मेरे बाबा का दिखता है दुआओ में......
पानी से दीप जलाया हुई रोशन ईद दिवाली,
वो नीम की छाँव में बेठा उसकी सरकार निराली,
खुशबु की तरह बिखरा साईं नाम हवाओ में,
जलवा मेरे साई का रहता है फिज़ाओ में,
रुतबा मेरे बाबा का दिखता है दुआओ में…..
हर बिगड़े काम बनाता राजा वो शिर्डी वाला,
दर पर उसके जो जाये,
खुलता किस्मत का ताला,
सूरज की किरण में वो सावन की घटाओ में,
जलवा मेरे साई का रहता है फिज़ाओ में,
रुतबा मेरे बाबा का दिखता है दुआओ में…….
राई को बना दे पर्वत, पर्वत को बना दे राई,
वो नंगे पाँव ही लौटी, जितनी भी क़यामत आई,
वो राम रहीम बना, भक्तों की निगाहों में,
जलवा मेरे साई का रहता है फिज़ाओ में,
रुतबा मेरे बाबा का दिखता है दुआओ में….
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