Current Date: 19 Nov, 2024

कामाख्या माँ की अमर कहानी

- Chetna Shukla


स्थायी :-     कामाख्या माता की महिमा सुने लगाके ध्यान 
    जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या 
                           १.
M:-    करके ध्यान गणपति जी का 
कोरस :-     करके ध्यान गणपति जी का
M:-    वर्णन करू आदि शक्ति का 
कोरस :-     वर्णन करू आदि शक्ति का
M:-    गुरु चरणों में शीश नवाके 
कोरस :-     गुरु चरणों में शीश नवाके
M:-    हंस वाहिनी ह्रदय बसाके 
कोरस :-     हंस वाहिनी ह्रदय बसाके
M:-    सब देवो का सुमिरन करके 
कोरस :-     सब देवो का सुमिरन करके
M:-    पूज्य धरा का वंदन करके 
कोरस :-     पूज्य धरा का वंदन करके
M:-    दिव्य शक्तिया आन विराजो 
कोरस :-     दिव्य शक्तिया आन विराजो
M:-    मेरी कलम को राह दिखाओ 
कोरस :-     मेरी कलम को राह दिखाओ
M:-    कथा लिखुँ माँ कामाख्या की 
कोरस :-     कथा लिखुँ माँ कामाख्या की
M:-    आदि शक्ति माँ जगदम्बा की 
कोरस :-     आदि शक्ति माँ जगदम्बा की
M:-    हाथ जोड़ सुखदेव पुकारे 
कोरस :-     हाथ जोड़ सुखदेव पुकारे
M:-    खोलो मात ज्ञान के द्वारे 
कोरस :-     खोलो मात ज्ञान के द्वारे
M:-    मुनि जनन से करू प्रार्थना 
कोरस :-     मुनि जनन से करू प्रार्थना
M:-    मांग रहा है क्षमा याचना 
कोरस :-     मांग रहा है क्षमा याचना
M:-    भूल चूक लिखने में होती 
कोरस :-     भूल चूक लिखने में होती
M:-    मत लेना संज्ञान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            2.
M:-    असम की राजधानी दिसपुर है 
कोरस :-     असम की राजधानी दिसपुर है 
M:-    युवाघाटी जो अजर अमर है 
कोरस :-     युवाघाटी जो अजर अमर है 
M:-    दुरी आठ किलोमीटर है 
कोरस :-     दुरी आठ किलोमीटर है 
M:-    नीलांचल पर्वत का शिखर है 
कोरस :-     नीलांचल पर्वत का शिखर है 
M:-    जहाँ बसे कामाख्या माता 
कोरस :-     जहाँ बसे कामाख्या माता 
M:-    थिन माता त्रिपुरा भैरवी 
कोरस :-     थिन माता त्रिपुरा भैरवी 
M:-    काली माँ कमला माँ तारा 
कोरस :-     काली माँ कमला माँ तारा 
M:-    बगला मुखी करती उजियारा 
कोरस :-     बगला मुखी करती उजियारा 
M:-    धूम वती सुंदरी बगोली 
कोरस :-     धूम वती सुंदरी बगोली 
M:-    मात मतंगी बैठी भोली 
कोरस :-     मात मतंगी बैठी भोली 
M:-    सारी देवियाँ संग विराजे 
कोरस :-      सारी देवियाँ संग विराजे 
M:-    शिखर के ऊपर परचम साजे 
कोरस :-     शिखर के ऊपर परचम साजे 
M:-    दशम देवियाँ बैठ भवन में 
कोरस :-     दशम देवियाँ बैठ भवन में 
M:-    करती जग कल्याण 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            3.
M:-    सोलवी सदी की बात बताऊ
कोरस :-     सोलवी सदी की बात बताऊ
M:-    पढ़ी सुनी जो वही सुनाऊ 
कोरस :-     पढ़ी सुनी जो वही सुनाऊ 
M:-    कामरूप प्रदेश के राजा 
कोरस :-     कामरूप प्रदेश के राजा 
M:-    विश्व सिंह राजा महाराजा 
कोरस :-       विश्व सिंह राजा महाराजा 
M:-    झूम रही थी विजय पताका 
कोरस :-     झूम रही थी विजय पताका 
M:-    वीर धीर बलशाली राजा 
कोरस :-     वीर धीर बलशाली राजा 
M:-    दुश्मन उनसे हार के भागे 
कोरस :-     दुश्मन उनसे हार के भागे 
M:-    अश्त्र शाश्त्र सब डार के भागे 
कोरस :-     अश्त्र शाश्त्र सब डार के भागे 
M:-    विश्वसिंह राजा का भाई 
कोरस :-     विश्वसिंह राजा का भाई 
M:-    कही खो गया खबर ना आयी 
कोरस :-     कही खो गया खबर ना आयी 
M:-    ढूंढा खोजा बड़ा तलाशा 
कोरस :-     ढूंढा खोजा बड़ा तलाशा 
M:-    लगी थी केवल हाथ निराशा 
कोरस :-     लगी थी केवल हाथ निराशा 
M:-    विश्व सिंह व्याकुल होकर के 
कोरस :-     विश्व सिंह व्याकुल होकर के 
M:-    खोज रहा पागल हो करके 
कोरस :-     खोज रहा पागल हो करके 
M:-    खोजते खोजते पहुंच गया वो 
कोरस :-     खोजते खोजते पहुंच गया वो 
M:-    नीलांचल दरम्यान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            4.
M:-    विश्व सिंह भाई को ढूंढ़ता 
कोरस :-     विश्व सिंह भाई को ढूंढ़ता 
M:-    बड़ा शिखर चहु और देखता 
कोरस :-     बड़ा शिखर चहु और देखता 
M:-    पड़ी दिखाई महिला बूढी 
कोरस :-     पड़ी दिखाई महिला बूढी 
M:-    आके विश्व सिंह से बोली 
कोरस :-     आके विश्व सिंह से बोली 
M:-    काम राज राजन करवाओ 
कोरस :-     काम राज राजन करवाओ 
M:-    नीलांजल पर्वत को दबाओ 
कोरस :-    नीलांजल पर्वत को दबाओ 
M:-    सिंह पीठ है यहाँ शक्ति की 
कोरस :-     सिंह पीठ है यहाँ शक्ति की 
M:-    कामाख्या माँ आदि शक्ति की 
कोरस :-     कामाख्या माँ आदि शक्ति की 
M:-    भव्य यहाँ मंदिर बनवाओ 
कोरस :-     भव्य यहाँ मंदिर बनवाओ 
M:-    जग में ऊँचा नाम कमाओ 
कोरस :-     जग में ऊँचा नाम कमाओ
M:-    चली गयी वो इतना कहके 
कोरस :-     चली गयी वो इतना कहके 
M:-    ओझल हो गयी उनकी नजर से 
कोरस :-     ओझल हो गयी उनकी नजर से 
M:-    विश्व सिंह से हुकुम सुनाया 
कोरस :-    विश्व सिंह से हुकुम सुनाया 
M:-    नीलांचल पर्वत खोदवाया 
कोरस :-     नीलांचल पर्वत खोदवाया 
M:-    प्राचीन मंदिर इक निकला 
कोरस :-     प्राचीन मंदिर इक निकला 
M:-    सभी हुए हैरान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            5.
M:-    मंदिर का निर्माण कराके
कोरस :-     मंदिर का निर्माण कराके
M:-    वेद मंत्र प्रतिष्ठान कराके 
कोरस :-     वेद मंत्र प्रतिष्ठान कराके 
M:-    स्थापित की माँ की प्रतिमा 
कोरस :-     स्थापित की माँ की प्रतिमा 
M:-    माता कामाख्या की प्रतिमा 
कोरस :-     माता कामाख्या की प्रतिमा 
M:-    मंदिर भव्य बना अति सुन्दर 
कोरस :-     मंदिर भव्य बना अति सुन्दर 
M:-    नीलांजन के बिच शिखर पर
कोरस :-     नीलांजन के बिच शिखर पर
M:-    ईस्वी पंद्रह सौ चौसठ में 
कोरस :-     ईस्वी पंद्रह सौ चौसठ में 
M:-    आया मंदिर था संकट में 
कोरस :-     आया मंदिर था संकट में 
M:-    आये थे कुछ आता ना हो 
कोरस :-     आये थे कुछ आता ना हो 
M:-    तोड़ मूर्ति करी तबाही 
कोरस :-     तोड़ मूर्ति करी तबाही 
M:-    राजा का बेटा नर नारायण 
कोरस :-     राजा का बेटा नर नारायण 
M:-    बड़ा था वो कर्तव्य परायण
कोरस :-     बड़ा था वो कर्तव्य परायण
M:-    पुनः किया मंदिर निर्माण 
कोरस :-     पुनः किया मंदिर निर्माण 
M:-    माँ ने किया उसका कल्याण 
कोरस :-     माँ ने किया उसका कल्याण 
M:-    आज भवन जो बना है वो ही 
कोरस :-     आज भवन जो बना है वो ही 
M:-    वही दिव्य स्थान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            6.
M:-    शक्ति पीठ जग में इक्यावन 
कोरस :-     शक्ति पीठ जग में इक्यावन 
M:-    अति मनोहारी है अति पावन 
कोरस :-     अति मनोहारी है अति पावन 
M:-    उकड़ी में ये भी एक पीठ है 
कोरस :-     उकड़ी में ये भी एक पीठ है 
M:-    कामख्या माँ शक्ति पीठ है 
कोरस :-     कामख्या माँ शक्ति पीठ है 
M:-    तन इक्यावन खंड सती का 
कोरस :-     तन इक्यावन खंड सती का 
M:-    विष्णु जी ने किया सती का 
कोरस :-     विष्णु जी ने किया सती का 
M:-    योनि भाग गिरा यहाँ माँ का 
कोरस :-     योनि भाग गिरा यहाँ माँ का 
M:-    प्रगट भई जहाँ माँ कामाख्या 
कोरस :-     प्रगट भई जहाँ माँ कामाख्या 
M:-    कैसे कैसे हुआ था ये सब 
कोरस :-     कैसे कैसे हुआ था ये सब 
M:-    तुमको बतलाता हूँ मैं अब 
कोरस :-     तुमको बतलाता हूँ मैं अब 
M:-    राजा दक्ष थे पिता सती के 
कोरस :-     राजा दक्ष थे पिता सती के 
M:-    थे क्रोशित वो सुता सती से 
कोरस :-     थे क्रोशित वो सुता सती से 
M:-    दक्ष ने महायज्ञ करवाया 
कोरस :-     दक्ष ने महायज्ञ करवाया 
M:-    सुता सती को ना बुलवाया 
कोरस :-     सुता सती को ना बुलवाया 
M:-    बिना बुलाये चली गयी माँ 
कोरस :-     बिना बुलाये चली गयी माँ 
M:-    हुआ बड़ा अपमान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            7.
M:-    दक्ष ने बोला  सुता सती को 
कोरस :-     दक्ष ने बोला  सुता सती को 
M:-    हो गया है क्या तेरी मति को 
कोरस :-     हो गया है क्या तेरी मति को 
M:-    बिना बुलाये क्यों आये है 
कोरस :-    बिना बुलाये क्यों आये है 
M:-    मति क्या तेरी बौरायी है 
कोरस :-     मति क्या तेरी बौरायी है 
M:-    कैसी है तेरी नादानी 
कोरस :-     कैसी है तेरी नादानी 
M:-    आयी क्यों करने मेहमानी 
कोरस :-     आयी क्यों करने मेहमानी 
M:-    शंकर ने समझाया नहीं क्या 
कोरस :-     शंकर ने समझाया नहीं क्या 
M:-    भेज के तुझे लजाया नहीं क्या 
कोरस :-     भेज के तुझे लजाया नहीं क्या 
M:-    मेने भेजा नहीं निमंत्रण 
कोरस :-     मेने भेजा नहीं निमंत्रण 
M:-    फिर कैसे ये हुआ आगमन 
कोरस :-     फिर कैसे ये हुआ आगमन 
M:-    तेरा कोई नहीं यहाँ है 
कोरस :-     तेरा कोई नहीं यहाँ है 
M:-    चली जा तेरा पति जहाँ है 
कोरस :-    चली जा तेरा पति जहाँ है 
M:-    खड़ी खडी माँ सोच रही है 
कोरस :-     खड़ी खडी माँ सोच रही है 
M:-    पिता का चेहरा देख रही है 
कोरस :-     पिता का चेहरा देख रही है 
M:-    हवन कुंड में कूद के माँ ने 
कोरस :-     हवन कुंड में कूद के माँ ने 
M:-    दे दिए अपने प्राण
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            8.
M:-    क्रोध में आ गए भोले शंकर 
कोरस :-     क्रोध में आ गए भोले शंकर 
M:-    बनाके अपना भेष भयंकर 
कोरस :-     बनाके अपना भेष भयंकर 
M:-    पहुंचे राजा दक्ष के द्वारे 
कोरस :-     पहुंचे राजा दक्ष के द्वारे 
M:-    क्रोधित हो गरजे हुंकारे 
कोरस :-     क्रोधित हो गरजे हुंकारे 
M:-    लगा की प्रलय आ जाएगी 
कोरस :-     लगा की प्रलय आ जाएगी 
M:-    धरा पाताल समा जाएगी 
कोरस :-     धरा पाताल समा जाएगी 
MM:-    कांप रहा ब्रम्हांड था सारा 
कोरस :-     कांप रहा ब्रम्हांड था सारा 
M;-    दहल उठा था हिमगिरि सारा 
कोरस :-     दहल उठा था हिमगिरि सारा 
M:-    सहम गयी नदियों की रवानी 
कोरस :-     सहम गयी नदियों की रवानी 
M:-    ठहर गया सागर का पानी 
कोरस :-     ठहर गया सागर का पानी 
M:-    जो भी जहाँ था वही वही पर 
कोरस :-    जो भी जहाँ था वही वही पर 
M:-    प्रलयकारी तांडव कर रहे 
कोरस :-     प्रलयकारी तांडव कर रहे 
M:-    शिव शंकर भगवान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            9.
M:-    देह उठाके सती का अपने 
कोरस :-     देह उठाके सती का अपने 
M:-    चपल कामिनी रति को अपने 
कोरस :-     चपल कामिनी रति को अपने 
M:-    रुदन कर रहे भोले शंकर 
कोरस :-     रुदन कर रहे भोले शंकर 
M:-    अभयंकर शम्भु प्रलयंकर 
कोरस :-     भयंकर शम्भु प्रलयंकर 
M:-    स्वर्ग धरा पाताल रो रहा 
कोरस :-     स्वर्ग धरा पाताल रो रहा 
M:-    देख के शिव का हाल रो रहा 
कोरस :-     देख के शिव का हाल रो रहा 
M:-    सती को ले उड़ गए गगन में 
कोरस :-     सती को ले उड़ गए गगन में 
M:-    सावन उमड़ रहा नैनन में 
कोरस :-     सावन उमड़ रहा नैनन में 
M:-    बरस रही असुवन की धारा
कोरस :-     बरस रही असुवन की धारा
M:-    भीग रहा भूमण्डल सारा 
कोरस :-     भीग रहा भूमण्डल सारा 
M:-    हाय सती मुझे छोड़ गयी क्यों 
कोरस :-     हाय सती मुझे छोड़ गयी क्यों 
M:-    मुझसे नाता तोड़ गयी क्यों 
कोरस :-     मुझसे नाता तोड़ गयी क्यों 
M;-    है प्रिये तुम आंखे खोलो 
कोरस :-     है प्रिये तुम आंखे खोलो 
M:-    बोलो बोलो कुछ तो बोलो 
कोरस :-    बोलो बोलो कुछ तो बोलो 
M:-    अगर ये मेरे बस में होता 
कोरस :-     अगर ये मेरे बस में होता 
M:-    मैं भी दे देता जान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            10.
M:-    काल चक्र का काल थम गया 
कोरस :-     काल चक्र का काल थम गया 
M:-    दिन पगवाड़ा साल थम गया 
कोरस :-     दिन पगवाड़ा साल थम गया 
M:-    थमा नहीं शंकर का क्रंदन 
कोरस :-     थमा नहीं शंकर का क्रंदन 
M:-    करने लगी थी सृष्टि कम्पन 
कोरस :-     करने लगी थी सृष्टि कम्पन 
M:-    हाहाकार मच गया भारी
कोरस :-     हाहाकार मच गया भारी
M:-    चिंतित चक्र सुदर्शन धारी
कोरस :-    चिंतित चक्र सुदर्शन धारी
M:-    यदि रुके ना शिव त्रिपुरारी 
कोरस :-     यदि रुके ना शिव त्रिपुरारी 
M:-    पलट जाएगी सृष्टि सारी 
कोरस :-     पलट जाएगी सृष्टि सारी 
M:-    कोई जतन तो करना होगा 
कोरस :-    कोई जतन तो करना होगा 
M:-    सती मोह भंग करना होगा 
कोरस :-     सती मोह भंग करना होगा 
M:-    सब गड़बड़ हो जाए अन्यथा 
कोरस :-     सब गड़बड़ हो जाए अन्यथा 
M:-    यदि ना रोकी जाए शिव व्यथा 
कोरस :-     यदि ना रोकी जाए शिव व्यथा 
M:-    खंडित कर दो सती के तन को 
कोरस :-     खंडित कर दो सती के तन को 
M:-    तभी विराम मिले भगवन को 
कोरस :-     तभी विराम मिले भगवन को 
M:-    चक्र चला देते है अपना 
कोरस :-     चक्र चला देते है अपना 
M;-    श्री विष्णु भगवान
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            11.
M:-    उड़े जा रहे नाथ गगन में 
कोरस :-     उड़े जा रहे नाथ गगन में 
M:-    सती को लेके साथ गगन में 
कोरस :-     सती को लेके साथ गगन में 
M:-    चक्र सुदर्शन खड़ा सामने 
कोरस :-     चक्र सुदर्शन खड़ा सामने 
M:-    घूम रहा था अडा सामने 
कोरस :-     घूम रहा था अडा सामने 
M:-    सती के तन को तनिक की क्षण में 
कोरस :-     सती के तन को तनिक की क्षण में 
M:-    बाट दिया इक्यावन खंड में 
कोरस :-     बाट दिया इक्यावन खंड में  
M:-    जहाँ जहाँ खंड गिरा सती का 
कोरस :-     जहाँ जहाँ खंड गिरा सती का 
M:-    शक्ति पीठ बन गया सती का 
कोरस :-     शक्ति पीठ बन गया सती का 
M:-    योनि भाग नीलांचल ऊपर 
कोरस :-     योनि भाग नीलांचल ऊपर 
M:-    माता सती का गिरा था आकर 
कोरस :-     माता सती का गिरा था आकर 
M:-    माँ कामाख्या धाम कहाये 
कोरस :-     माँ कामाख्या धाम कहाये 
M:-    माणिक धर्म आज भी आये 
कोरस :-     माणिक धर्म आज भी आये 
M:-    वेदो में वर्णित है कामाख्या 
कोरस :-     वेदो में वर्णित है कामाख्या 
M:-    मात रजस्वला है कामाख्या 
कोरस :-     मात रजस्वला है कामाख्या 
M:-    इक्यावन शक्ति पीठो में 
कोरस :-     इक्यावन शक्ति पीठो में 
M:-    असम की पीठ महान
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            12.
M:-    नीलांचल साक्ष्य  मिला है 
कोरस :-     नीलांचल साक्ष्य  मिला है
M:-    योनि रूप में एक शिला है 
कोरस :-     योनि रूप में एक शिला है
M:-    जहाँ भक्त पूजन करते है 
कोरस :-     जहाँ भक्त पूजन करते है
M:-    हाथ जोड़ वंदन करते है 
कोरस :-     हाथ जोड़ वंदन करते है
M:-    होती है जहा मंत्र साधना 
कोरस :-     होती है जहा मंत्र साधना
M:-    पूरन होती मनोकामना 
कोरस :-     पूरन होती मनोकामना
M:-    तंत्र मंत्र सिद्धि करते है 
कोरस :-     तंत्र मंत्र सिद्धि करते है
M:-    धन वैभव वृद्धि करते है 
कोरस :-     धन वैभव वृद्धि करते है 
M:-    कुंड एक है पास मंदिर के 
कोरस :-    कुंड एक है पास मंदिर के 

M:-    पुष्प ढका है साथ मंदिर के 
कोरस :-     पुष्प ढका है साथ मंदिर के 
M:-    कुंड ढका फूलो से रहता 
कोरस :-    कुंड ढका फूलो से रहता 
M:-    वातावरण है महका महका 
कोरस :-     वातावरण है महका महका 
M:-    वही पे है माता की प्रतिमा 
कोरस :-     माता सती की  है जो उपमा 
M:-    माता सती की  है जो उपमा 
कोरस :-     माता सती की  है जो उपमा 
M:-    जो भी कर ले दर्शन माँ के 
कोरस :-     जो भी कर ले दर्शन माँ के 
M:-    होते कष्ट निदान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            13.
M:-    एक कथा शिव पारवती की 
कोरस :-     एक कथा शिव पारवती की 
M:-    शिव शंकर माँ पारवती की 
कोरस :-     शिव शंकर माँ पारवती की 
M:-    वेदो में भी वर्णित है ये 
कोरस :-     वेदो में भी वर्णित है ये 
M:-    नाम नीलांचल अंकित है ये 
कोरस :-     नाम नीलांचल अंकित है ये 
M:-    यही पे उनका मिलन हुआ था 
कोरस :-     यही पे उनका मिलन हुआ था 
M:-    ह्रदय प्रेम आगमन हुआ था 
कोरस :-     ह्रदय प्रेम आगमन हुआ था 
M:-    मधुर प्रेम रस यही था बरसा 
कोरस :-     मधुर प्रेम रस यही था बरसा 
M:-    शिव से मिली यही पे हिमजा 
कोरस :-     शिव से मिली यही पे हिमजा 
M:-    काम बान संस्कृत का पाया 
कोरस :-     शिव से मिली यही पे हिमजा 
M:-    कामाख्या तब नाम धराया 
कोरस :-    कामाख्या तब नाम धराया 
M:-    पुरुष खोया कामदेव में 
कोरस :-     पुरुष खोया कामदेव में 
M:-    प्रेम रति अभिराम देव में 
कोरस :-     प्रेम रति अभिराम देव में 
M:-    यही पे आके पौरुष पाए 
कोरस :-     यही पे आके पौरुष पाए 
M:-    कामदेव वो पुनः कहाये 
कोरस :-     कामदेव वो पुनः कहाये 
M:-    पौरुष खोये कामदेव को 
कोरस :-     पौरुष खोये कामदेव को 
M:-    मिला यही वरदान
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            14.
M:-    आता है प्रत्येक माह में 
कोरस :-     आता है प्रत्येक माह में 
M:-    अम्बुबाई का पर्व माह में 
कोरस :-     अम्बुबाई का पर्व माह में 
M:-    तीन दिनों तक चलता यहाँ पर 
कोरस :-     तीन दिनों तक चलता यहाँ पर 
M:-    बंद रहे कामाख्या मंन्दिर 
कोरस :-     बंद रहे कामाख्या मंन्दिर 
M:-    बिछा के अंदर चादर श्वेत 
कोरस :-     बिछा के अंदर चादर श्वेत 
M:-    भजन करे जब बाहर बैठ 
कोरस :-     भजन करे जब बाहर बैठ 
M:-    जय माँ कामाख्या के बोल के 
कोरस :-     जय माँ कामाख्या के बोल के 
M:-    जब मंदिर का द्वार खोलते 
कोरस :-     जब मंदिर का द्वार खोलते 
M:-    मिलती है वो चादर लाल 
कोरस :-    मिलती है वो चादर लाल 
M:-    जिसे पुजारी धरे संभाल 
कोरस :-     जिसे पुजारी धरे संभाल 
M:-    छोटे छोटे टुकड़े करके 
कोरस :-     छोटे छोटे टुकड़े करके 
M:-    फिर भक्तो में वितरण करते 
कोरस :-    छोटे छोटे टुकड़े करके 
M:-    देखे महिमा कामाख्या की 
कोरस :-     देखे महिमा कामाख्या की 
M:-    पर्व यही है अम्बुबाई 
कोरस :-     पर्व यही है अम्बुबाई 
M:-    गीला कपड़ा कहते इसे है 
कोरस :-     गीला कपड़ा कहते इसे है 
M:-    माँ का है वरदान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            15.

M:-    तीन दिनों तक मंदिर अंदर 
कोरस:-     तीन दिनों तक मंदिर अंदर 
M:-    हो जाती है भीड़ भयंकर 
कोरस :-     हो जाती है भीड़ भयंकर 
M:-    भले किवाड़ बंद हो माँ की 
कोरस :-     भले किवाड़ बंद हो माँ की 
M:L-    भले दिखे ना सुन्दर झांकी 
कोरस :-     भले दिखे ना सुन्दर झांकी 
M:-    भक्त यहाँ से हटते नहीं है 
कोरस :-     भक्त यहाँ से हटते नहीं है 
M:-    माँ किरपा से थकते नहीं है 
कोरस :-    माँ किरपा से थकते नहीं है 
M:-    जय जयकार लगाले माँ की 
कोरस :-     जय जयकार लगाले माँ की 
M:-    जय जय माता कामाख्या की 
कोरस :-     जय जय माता कामाख्या की 
M:-    ब्रम्ह पुत्र की नदी का पानी 
कोरस :-     ब्रम्ह पुत्र की नदी का पानी 
M:-    इसकी भी अब सुनो कहानी 
कोरस :-     इसकी भी अब सुनो कहानी 
M:-    माँ का हो जब मासिक काल 
कोरस :-     माँ का हो जब मासिक काल 
M:-    नदी का हो जाए पानी लाल 
कोरस :-     नदी का हो जाए पानी लाल 
M:-    जब तक मासिक काल है रहता 
कोरस :-     जब तक मासिक काल है रहता 
M:-    नदी से पानी लाल है बहता 
कोरस :-     नदी से पानी लाल है बहता 
M:-    माँ की माया समझ ना पाए 
कोरस :-     माँ की माया समझ ना पाए 
M:-    बड़े बड़े विद्वान 
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            16.
M:-    निवृत होती जब कामाख्या 
कोरस :-     निवृत होती जब कामाख्या 
M:-    नदी का जल हो जाए स्वच्छ सा 
कोरस :-     नदी का जल हो जाए स्वच्छ सा 
M:-    कैसी है माता की माया 
कोरस :-     कैसी है माता की माया 
M:-    आज तलक कोई समझ ना पाया 
कोरस :-     आज तलक कोई समझ ना पाया 
M:-    अम्बुबाई का प्रसाद ये 
कोरस :-    अम्बुबाई का प्रसाद ये 
M:-    मिलता है ये बड़े भाग से 
कोरस :-     मिलता है ये बड़े भाग से 
M:-    ले जाए प्रसाद समझकर 
कोरस :-     ले जाए प्रसाद समझकर 
M:-    माँ का आशीर्वाद समझकर 
कोरस :-     माँ का आशीर्वाद समझकर 
M:-    मनोकामना पूरन होती 
कोरस :-     मनोकामना पूरन होती 
M:-    सकल साधना पूरन होती 
कोरस :-     सकल साधना पूरन होती 
M:-    ऐसी है इस माँ की महिमा 
कोरस :-     ऐसी है इस माँ की महिमा 
M:-    शक्ति कामाख्या की महिमा 
कोरस :-     शक्ति कामाख्या की महिमा 
M:-    महिमा है प्रख्यात जगत में 
कोरस :-     महिमा है प्रख्यात जगत में 
M:-    सती रूप में आदिशक्ति माँ 
कोरस :-     सती रूप में आदिशक्ति माँ 
M:-    करती जग कल्याण
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            17.
M:-    मंदिर से कुछ दूर बगल में 
कोरस :-     मंदिर से कुछ दूर बगल में 
M:-    शिखर बिच ही नीलांजन में 
कोरस :-     शिखर बिच ही नीलांजन में 
M:-    उमानंद भैरव का मंदिर 
कोरस :-     उमानंद भैरव का मंदिर 
M:-    है विख्यात सकल जग जाहिर 
कोरस :-     है विख्यात सकल जग जाहिर 
M:-    भैरव माँ के पहरे दार है 
कोरस :-     भैरव माँ के पहरे दार है 
M:-    माँ चौकी के थानेदार है 
कोरस :-     माँ चौकी के थानेदार है 
M:-    कामाख्या के करके दर्शन 
कोरस :-     कामाख्या के करके दर्शन 
M:-    भैरव जी का करते वंदन 
कोरस :-     कामाख्या के करके दर्शन 
M:-    तभी यात्रा पूरन होती 
कोरस :-     तभी यात्रा पूरन होती 
M:-    माँ किरपा सम्पूर्ण होती 
कोरस :-     माँ किरपा सम्पूर्ण होती 
M:-    भैरव बाबा उमानंद की 
कोरस :-     भैरव बाबा उमानंद की 
M:-    लगी समाधि परमानंद की 
कोरस :-     लगी समाधि परमानंद की 
M:-    कष्ट दर्द सब हर लेते है 
कोरस :-     कष्ट दर्द सब हर लेते है 
M:-    खुशियों से घर भर देते है 
कोरस :-     खुशियों से घर भर देते है 
M:-    निर्बल को बलवान बनाते 
कोरस :-     निर्बल को बलवान बनाते 
M:-    निर्धन को धनवान
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
            18.
M:-    साधक करते तंत्र साधना 
कोरस :-     साधक करते तंत्र साधना 
M:-    यंत्र तंत्र और मंत्र साधना 
कोरस :-     यंत्र तंत्र और मंत्र साधना 
M:-    कामाख्या माता के मंदिर 
कोरस :-     कामाख्या माता के मंदिर 
M:-    साधक सीखे जादू मंत्र 
कोरस :-     साधक सीखे जादू मंत्र 
M:-    प्रत्येक साल हर जून माह में 
कोरस :-     प्रत्येक साल हर जून माह में 
M:-    तांत्रिक आये तंत्र चाह में 
कोरस :-     तांत्रिक आये तंत्र चाह में 
M:-    अम्बुबाई  का लगता मेला 
कोरस :-     अम्बुबाई  का लगता मेला 
M:-    साधु संत का रहता रेला 
कोरस :-    साधु संत का रहता रेला 
M:-    सबकी इच्छा पूरन होती 
कोरस :-     सबकी इच्छा पूरन होती 
M:-    मन चाहि सम्पूर्ण होती 
कोरस :-     मन चाहि सम्पूर्ण होती 
M:-    यहाँ ना कोई छोटा बड़ा है 
कोरस :-     यहाँ ना कोई छोटा बड़ा है 
M:-    हर कोई इक साथ खड़ा है 
कोरस :-     हर कोई इक साथ खड़ा है 
M:-    जय बोलो जय कामाख्या की 
कोरस :-     जय बोलो जय कामाख्या की
M:-    जय बोलो कामाख्या माँ की 
कोरस :-     जय बोलो कामाख्या माँ की 
M:-    दो आशीष सुखदेव को माता 
कोरस :-     दो आशीष सुखदेव को माता
M:-    करता रहे गुणगान
कोरस :-     जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
लेखक :- सुखदेव निषाद

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