स्थायी :- कामाख्या माता की महिमा सुने लगाके ध्यान
जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
१.
M:- करके ध्यान गणपति जी का
कोरस :- करके ध्यान गणपति जी का
M:- वर्णन करू आदि शक्ति का
कोरस :- वर्णन करू आदि शक्ति का
M:- गुरु चरणों में शीश नवाके
कोरस :- गुरु चरणों में शीश नवाके
M:- हंस वाहिनी ह्रदय बसाके
कोरस :- हंस वाहिनी ह्रदय बसाके
M:- सब देवो का सुमिरन करके
कोरस :- सब देवो का सुमिरन करके
M:- पूज्य धरा का वंदन करके
कोरस :- पूज्य धरा का वंदन करके
M:- दिव्य शक्तिया आन विराजो
कोरस :- दिव्य शक्तिया आन विराजो
M:- मेरी कलम को राह दिखाओ
कोरस :- मेरी कलम को राह दिखाओ
M:- कथा लिखुँ माँ कामाख्या की
कोरस :- कथा लिखुँ माँ कामाख्या की
M:- आदि शक्ति माँ जगदम्बा की
कोरस :- आदि शक्ति माँ जगदम्बा की
M:- हाथ जोड़ सुखदेव पुकारे
कोरस :- हाथ जोड़ सुखदेव पुकारे
M:- खोलो मात ज्ञान के द्वारे
कोरस :- खोलो मात ज्ञान के द्वारे
M:- मुनि जनन से करू प्रार्थना
कोरस :- मुनि जनन से करू प्रार्थना
M:- मांग रहा है क्षमा याचना
कोरस :- मांग रहा है क्षमा याचना
M:- भूल चूक लिखने में होती
कोरस :- भूल चूक लिखने में होती
M:- मत लेना संज्ञान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
2.
M:- असम की राजधानी दिसपुर है
कोरस :- असम की राजधानी दिसपुर है
M:- युवाघाटी जो अजर अमर है
कोरस :- युवाघाटी जो अजर अमर है
M:- दुरी आठ किलोमीटर है
कोरस :- दुरी आठ किलोमीटर है
M:- नीलांचल पर्वत का शिखर है
कोरस :- नीलांचल पर्वत का शिखर है
M:- जहाँ बसे कामाख्या माता
कोरस :- जहाँ बसे कामाख्या माता
M:- थिन माता त्रिपुरा भैरवी
कोरस :- थिन माता त्रिपुरा भैरवी
M:- काली माँ कमला माँ तारा
कोरस :- काली माँ कमला माँ तारा
M:- बगला मुखी करती उजियारा
कोरस :- बगला मुखी करती उजियारा
M:- धूम वती सुंदरी बगोली
कोरस :- धूम वती सुंदरी बगोली
M:- मात मतंगी बैठी भोली
कोरस :- मात मतंगी बैठी भोली
M:- सारी देवियाँ संग विराजे
कोरस :- सारी देवियाँ संग विराजे
M:- शिखर के ऊपर परचम साजे
कोरस :- शिखर के ऊपर परचम साजे
M:- दशम देवियाँ बैठ भवन में
कोरस :- दशम देवियाँ बैठ भवन में
M:- करती जग कल्याण
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
3.
M:- सोलवी सदी की बात बताऊ
कोरस :- सोलवी सदी की बात बताऊ
M:- पढ़ी सुनी जो वही सुनाऊ
कोरस :- पढ़ी सुनी जो वही सुनाऊ
M:- कामरूप प्रदेश के राजा
कोरस :- कामरूप प्रदेश के राजा
M:- विश्व सिंह राजा महाराजा
कोरस :- विश्व सिंह राजा महाराजा
M:- झूम रही थी विजय पताका
कोरस :- झूम रही थी विजय पताका
M:- वीर धीर बलशाली राजा
कोरस :- वीर धीर बलशाली राजा
M:- दुश्मन उनसे हार के भागे
कोरस :- दुश्मन उनसे हार के भागे
M:- अश्त्र शाश्त्र सब डार के भागे
कोरस :- अश्त्र शाश्त्र सब डार के भागे
M:- विश्वसिंह राजा का भाई
कोरस :- विश्वसिंह राजा का भाई
M:- कही खो गया खबर ना आयी
कोरस :- कही खो गया खबर ना आयी
M:- ढूंढा खोजा बड़ा तलाशा
कोरस :- ढूंढा खोजा बड़ा तलाशा
M:- लगी थी केवल हाथ निराशा
कोरस :- लगी थी केवल हाथ निराशा
M:- विश्व सिंह व्याकुल होकर के
कोरस :- विश्व सिंह व्याकुल होकर के
M:- खोज रहा पागल हो करके
कोरस :- खोज रहा पागल हो करके
M:- खोजते खोजते पहुंच गया वो
कोरस :- खोजते खोजते पहुंच गया वो
M:- नीलांचल दरम्यान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
4.
M:- विश्व सिंह भाई को ढूंढ़ता
कोरस :- विश्व सिंह भाई को ढूंढ़ता
M:- बड़ा शिखर चहु और देखता
कोरस :- बड़ा शिखर चहु और देखता
M:- पड़ी दिखाई महिला बूढी
कोरस :- पड़ी दिखाई महिला बूढी
M:- आके विश्व सिंह से बोली
कोरस :- आके विश्व सिंह से बोली
M:- काम राज राजन करवाओ
कोरस :- काम राज राजन करवाओ
M:- नीलांजल पर्वत को दबाओ
कोरस :- नीलांजल पर्वत को दबाओ
M:- सिंह पीठ है यहाँ शक्ति की
कोरस :- सिंह पीठ है यहाँ शक्ति की
M:- कामाख्या माँ आदि शक्ति की
कोरस :- कामाख्या माँ आदि शक्ति की
M:- भव्य यहाँ मंदिर बनवाओ
कोरस :- भव्य यहाँ मंदिर बनवाओ
M:- जग में ऊँचा नाम कमाओ
कोरस :- जग में ऊँचा नाम कमाओ
M:- चली गयी वो इतना कहके
कोरस :- चली गयी वो इतना कहके
M:- ओझल हो गयी उनकी नजर से
कोरस :- ओझल हो गयी उनकी नजर से
M:- विश्व सिंह से हुकुम सुनाया
कोरस :- विश्व सिंह से हुकुम सुनाया
M:- नीलांचल पर्वत खोदवाया
कोरस :- नीलांचल पर्वत खोदवाया
M:- प्राचीन मंदिर इक निकला
कोरस :- प्राचीन मंदिर इक निकला
M:- सभी हुए हैरान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
5.
M:- मंदिर का निर्माण कराके
कोरस :- मंदिर का निर्माण कराके
M:- वेद मंत्र प्रतिष्ठान कराके
कोरस :- वेद मंत्र प्रतिष्ठान कराके
M:- स्थापित की माँ की प्रतिमा
कोरस :- स्थापित की माँ की प्रतिमा
M:- माता कामाख्या की प्रतिमा
कोरस :- माता कामाख्या की प्रतिमा
M:- मंदिर भव्य बना अति सुन्दर
कोरस :- मंदिर भव्य बना अति सुन्दर
M:- नीलांजन के बिच शिखर पर
कोरस :- नीलांजन के बिच शिखर पर
M:- ईस्वी पंद्रह सौ चौसठ में
कोरस :- ईस्वी पंद्रह सौ चौसठ में
M:- आया मंदिर था संकट में
कोरस :- आया मंदिर था संकट में
M:- आये थे कुछ आता ना हो
कोरस :- आये थे कुछ आता ना हो
M:- तोड़ मूर्ति करी तबाही
कोरस :- तोड़ मूर्ति करी तबाही
M:- राजा का बेटा नर नारायण
कोरस :- राजा का बेटा नर नारायण
M:- बड़ा था वो कर्तव्य परायण
कोरस :- बड़ा था वो कर्तव्य परायण
M:- पुनः किया मंदिर निर्माण
कोरस :- पुनः किया मंदिर निर्माण
M:- माँ ने किया उसका कल्याण
कोरस :- माँ ने किया उसका कल्याण
M:- आज भवन जो बना है वो ही
कोरस :- आज भवन जो बना है वो ही
M:- वही दिव्य स्थान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
6.
M:- शक्ति पीठ जग में इक्यावन
कोरस :- शक्ति पीठ जग में इक्यावन
M:- अति मनोहारी है अति पावन
कोरस :- अति मनोहारी है अति पावन
M:- उकड़ी में ये भी एक पीठ है
कोरस :- उकड़ी में ये भी एक पीठ है
M:- कामख्या माँ शक्ति पीठ है
कोरस :- कामख्या माँ शक्ति पीठ है
M:- तन इक्यावन खंड सती का
कोरस :- तन इक्यावन खंड सती का
M:- विष्णु जी ने किया सती का
कोरस :- विष्णु जी ने किया सती का
M:- योनि भाग गिरा यहाँ माँ का
कोरस :- योनि भाग गिरा यहाँ माँ का
M:- प्रगट भई जहाँ माँ कामाख्या
कोरस :- प्रगट भई जहाँ माँ कामाख्या
M:- कैसे कैसे हुआ था ये सब
कोरस :- कैसे कैसे हुआ था ये सब
M:- तुमको बतलाता हूँ मैं अब
कोरस :- तुमको बतलाता हूँ मैं अब
M:- राजा दक्ष थे पिता सती के
कोरस :- राजा दक्ष थे पिता सती के
M:- थे क्रोशित वो सुता सती से
कोरस :- थे क्रोशित वो सुता सती से
M:- दक्ष ने महायज्ञ करवाया
कोरस :- दक्ष ने महायज्ञ करवाया
M:- सुता सती को ना बुलवाया
कोरस :- सुता सती को ना बुलवाया
M:- बिना बुलाये चली गयी माँ
कोरस :- बिना बुलाये चली गयी माँ
M:- हुआ बड़ा अपमान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
7.
M:- दक्ष ने बोला सुता सती को
कोरस :- दक्ष ने बोला सुता सती को
M:- हो गया है क्या तेरी मति को
कोरस :- हो गया है क्या तेरी मति को
M:- बिना बुलाये क्यों आये है
कोरस :- बिना बुलाये क्यों आये है
M:- मति क्या तेरी बौरायी है
कोरस :- मति क्या तेरी बौरायी है
M:- कैसी है तेरी नादानी
कोरस :- कैसी है तेरी नादानी
M:- आयी क्यों करने मेहमानी
कोरस :- आयी क्यों करने मेहमानी
M:- शंकर ने समझाया नहीं क्या
कोरस :- शंकर ने समझाया नहीं क्या
M:- भेज के तुझे लजाया नहीं क्या
कोरस :- भेज के तुझे लजाया नहीं क्या
M:- मेने भेजा नहीं निमंत्रण
कोरस :- मेने भेजा नहीं निमंत्रण
M:- फिर कैसे ये हुआ आगमन
कोरस :- फिर कैसे ये हुआ आगमन
M:- तेरा कोई नहीं यहाँ है
कोरस :- तेरा कोई नहीं यहाँ है
M:- चली जा तेरा पति जहाँ है
कोरस :- चली जा तेरा पति जहाँ है
M:- खड़ी खडी माँ सोच रही है
कोरस :- खड़ी खडी माँ सोच रही है
M:- पिता का चेहरा देख रही है
कोरस :- पिता का चेहरा देख रही है
M:- हवन कुंड में कूद के माँ ने
कोरस :- हवन कुंड में कूद के माँ ने
M:- दे दिए अपने प्राण
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
8.
M:- क्रोध में आ गए भोले शंकर
कोरस :- क्रोध में आ गए भोले शंकर
M:- बनाके अपना भेष भयंकर
कोरस :- बनाके अपना भेष भयंकर
M:- पहुंचे राजा दक्ष के द्वारे
कोरस :- पहुंचे राजा दक्ष के द्वारे
M:- क्रोधित हो गरजे हुंकारे
कोरस :- क्रोधित हो गरजे हुंकारे
M:- लगा की प्रलय आ जाएगी
कोरस :- लगा की प्रलय आ जाएगी
M:- धरा पाताल समा जाएगी
कोरस :- धरा पाताल समा जाएगी
MM:- कांप रहा ब्रम्हांड था सारा
कोरस :- कांप रहा ब्रम्हांड था सारा
M;- दहल उठा था हिमगिरि सारा
कोरस :- दहल उठा था हिमगिरि सारा
M:- सहम गयी नदियों की रवानी
कोरस :- सहम गयी नदियों की रवानी
M:- ठहर गया सागर का पानी
कोरस :- ठहर गया सागर का पानी
M:- जो भी जहाँ था वही वही पर
कोरस :- जो भी जहाँ था वही वही पर
M:- प्रलयकारी तांडव कर रहे
कोरस :- प्रलयकारी तांडव कर रहे
M:- शिव शंकर भगवान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
9.
M:- देह उठाके सती का अपने
कोरस :- देह उठाके सती का अपने
M:- चपल कामिनी रति को अपने
कोरस :- चपल कामिनी रति को अपने
M:- रुदन कर रहे भोले शंकर
कोरस :- रुदन कर रहे भोले शंकर
M:- अभयंकर शम्भु प्रलयंकर
कोरस :- भयंकर शम्भु प्रलयंकर
M:- स्वर्ग धरा पाताल रो रहा
कोरस :- स्वर्ग धरा पाताल रो रहा
M:- देख के शिव का हाल रो रहा
कोरस :- देख के शिव का हाल रो रहा
M:- सती को ले उड़ गए गगन में
कोरस :- सती को ले उड़ गए गगन में
M:- सावन उमड़ रहा नैनन में
कोरस :- सावन उमड़ रहा नैनन में
M:- बरस रही असुवन की धारा
कोरस :- बरस रही असुवन की धारा
M:- भीग रहा भूमण्डल सारा
कोरस :- भीग रहा भूमण्डल सारा
M:- हाय सती मुझे छोड़ गयी क्यों
कोरस :- हाय सती मुझे छोड़ गयी क्यों
M:- मुझसे नाता तोड़ गयी क्यों
कोरस :- मुझसे नाता तोड़ गयी क्यों
M;- है प्रिये तुम आंखे खोलो
कोरस :- है प्रिये तुम आंखे खोलो
M:- बोलो बोलो कुछ तो बोलो
कोरस :- बोलो बोलो कुछ तो बोलो
M:- अगर ये मेरे बस में होता
कोरस :- अगर ये मेरे बस में होता
M:- मैं भी दे देता जान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
10.
M:- काल चक्र का काल थम गया
कोरस :- काल चक्र का काल थम गया
M:- दिन पगवाड़ा साल थम गया
कोरस :- दिन पगवाड़ा साल थम गया
M:- थमा नहीं शंकर का क्रंदन
कोरस :- थमा नहीं शंकर का क्रंदन
M:- करने लगी थी सृष्टि कम्पन
कोरस :- करने लगी थी सृष्टि कम्पन
M:- हाहाकार मच गया भारी
कोरस :- हाहाकार मच गया भारी
M:- चिंतित चक्र सुदर्शन धारी
कोरस :- चिंतित चक्र सुदर्शन धारी
M:- यदि रुके ना शिव त्रिपुरारी
कोरस :- यदि रुके ना शिव त्रिपुरारी
M:- पलट जाएगी सृष्टि सारी
कोरस :- पलट जाएगी सृष्टि सारी
M:- कोई जतन तो करना होगा
कोरस :- कोई जतन तो करना होगा
M:- सती मोह भंग करना होगा
कोरस :- सती मोह भंग करना होगा
M:- सब गड़बड़ हो जाए अन्यथा
कोरस :- सब गड़बड़ हो जाए अन्यथा
M:- यदि ना रोकी जाए शिव व्यथा
कोरस :- यदि ना रोकी जाए शिव व्यथा
M:- खंडित कर दो सती के तन को
कोरस :- खंडित कर दो सती के तन को
M:- तभी विराम मिले भगवन को
कोरस :- तभी विराम मिले भगवन को
M:- चक्र चला देते है अपना
कोरस :- चक्र चला देते है अपना
M;- श्री विष्णु भगवान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
11.
M:- उड़े जा रहे नाथ गगन में
कोरस :- उड़े जा रहे नाथ गगन में
M:- सती को लेके साथ गगन में
कोरस :- सती को लेके साथ गगन में
M:- चक्र सुदर्शन खड़ा सामने
कोरस :- चक्र सुदर्शन खड़ा सामने
M:- घूम रहा था अडा सामने
कोरस :- घूम रहा था अडा सामने
M:- सती के तन को तनिक की क्षण में
कोरस :- सती के तन को तनिक की क्षण में
M:- बाट दिया इक्यावन खंड में
कोरस :- बाट दिया इक्यावन खंड में
M:- जहाँ जहाँ खंड गिरा सती का
कोरस :- जहाँ जहाँ खंड गिरा सती का
M:- शक्ति पीठ बन गया सती का
कोरस :- शक्ति पीठ बन गया सती का
M:- योनि भाग नीलांचल ऊपर
कोरस :- योनि भाग नीलांचल ऊपर
M:- माता सती का गिरा था आकर
कोरस :- माता सती का गिरा था आकर
M:- माँ कामाख्या धाम कहाये
कोरस :- माँ कामाख्या धाम कहाये
M:- माणिक धर्म आज भी आये
कोरस :- माणिक धर्म आज भी आये
M:- वेदो में वर्णित है कामाख्या
कोरस :- वेदो में वर्णित है कामाख्या
M:- मात रजस्वला है कामाख्या
कोरस :- मात रजस्वला है कामाख्या
M:- इक्यावन शक्ति पीठो में
कोरस :- इक्यावन शक्ति पीठो में
M:- असम की पीठ महान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
12.
M:- नीलांचल साक्ष्य मिला है
कोरस :- नीलांचल साक्ष्य मिला है
M:- योनि रूप में एक शिला है
कोरस :- योनि रूप में एक शिला है
M:- जहाँ भक्त पूजन करते है
कोरस :- जहाँ भक्त पूजन करते है
M:- हाथ जोड़ वंदन करते है
कोरस :- हाथ जोड़ वंदन करते है
M:- होती है जहा मंत्र साधना
कोरस :- होती है जहा मंत्र साधना
M:- पूरन होती मनोकामना
कोरस :- पूरन होती मनोकामना
M:- तंत्र मंत्र सिद्धि करते है
कोरस :- तंत्र मंत्र सिद्धि करते है
M:- धन वैभव वृद्धि करते है
कोरस :- धन वैभव वृद्धि करते है
M:- कुंड एक है पास मंदिर के
कोरस :- कुंड एक है पास मंदिर के
M:- पुष्प ढका है साथ मंदिर के
कोरस :- पुष्प ढका है साथ मंदिर के
M:- कुंड ढका फूलो से रहता
कोरस :- कुंड ढका फूलो से रहता
M:- वातावरण है महका महका
कोरस :- वातावरण है महका महका
M:- वही पे है माता की प्रतिमा
कोरस :- माता सती की है जो उपमा
M:- माता सती की है जो उपमा
कोरस :- माता सती की है जो उपमा
M:- जो भी कर ले दर्शन माँ के
कोरस :- जो भी कर ले दर्शन माँ के
M:- होते कष्ट निदान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
13.
M:- एक कथा शिव पारवती की
कोरस :- एक कथा शिव पारवती की
M:- शिव शंकर माँ पारवती की
कोरस :- शिव शंकर माँ पारवती की
M:- वेदो में भी वर्णित है ये
कोरस :- वेदो में भी वर्णित है ये
M:- नाम नीलांचल अंकित है ये
कोरस :- नाम नीलांचल अंकित है ये
M:- यही पे उनका मिलन हुआ था
कोरस :- यही पे उनका मिलन हुआ था
M:- ह्रदय प्रेम आगमन हुआ था
कोरस :- ह्रदय प्रेम आगमन हुआ था
M:- मधुर प्रेम रस यही था बरसा
कोरस :- मधुर प्रेम रस यही था बरसा
M:- शिव से मिली यही पे हिमजा
कोरस :- शिव से मिली यही पे हिमजा
M:- काम बान संस्कृत का पाया
कोरस :- शिव से मिली यही पे हिमजा
M:- कामाख्या तब नाम धराया
कोरस :- कामाख्या तब नाम धराया
M:- पुरुष खोया कामदेव में
कोरस :- पुरुष खोया कामदेव में
M:- प्रेम रति अभिराम देव में
कोरस :- प्रेम रति अभिराम देव में
M:- यही पे आके पौरुष पाए
कोरस :- यही पे आके पौरुष पाए
M:- कामदेव वो पुनः कहाये
कोरस :- कामदेव वो पुनः कहाये
M:- पौरुष खोये कामदेव को
कोरस :- पौरुष खोये कामदेव को
M:- मिला यही वरदान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
14.
M:- आता है प्रत्येक माह में
कोरस :- आता है प्रत्येक माह में
M:- अम्बुबाई का पर्व माह में
कोरस :- अम्बुबाई का पर्व माह में
M:- तीन दिनों तक चलता यहाँ पर
कोरस :- तीन दिनों तक चलता यहाँ पर
M:- बंद रहे कामाख्या मंन्दिर
कोरस :- बंद रहे कामाख्या मंन्दिर
M:- बिछा के अंदर चादर श्वेत
कोरस :- बिछा के अंदर चादर श्वेत
M:- भजन करे जब बाहर बैठ
कोरस :- भजन करे जब बाहर बैठ
M:- जय माँ कामाख्या के बोल के
कोरस :- जय माँ कामाख्या के बोल के
M:- जब मंदिर का द्वार खोलते
कोरस :- जब मंदिर का द्वार खोलते
M:- मिलती है वो चादर लाल
कोरस :- मिलती है वो चादर लाल
M:- जिसे पुजारी धरे संभाल
कोरस :- जिसे पुजारी धरे संभाल
M:- छोटे छोटे टुकड़े करके
कोरस :- छोटे छोटे टुकड़े करके
M:- फिर भक्तो में वितरण करते
कोरस :- छोटे छोटे टुकड़े करके
M:- देखे महिमा कामाख्या की
कोरस :- देखे महिमा कामाख्या की
M:- पर्व यही है अम्बुबाई
कोरस :- पर्व यही है अम्बुबाई
M:- गीला कपड़ा कहते इसे है
कोरस :- गीला कपड़ा कहते इसे है
M:- माँ का है वरदान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
15.
M:- तीन दिनों तक मंदिर अंदर
कोरस:- तीन दिनों तक मंदिर अंदर
M:- हो जाती है भीड़ भयंकर
कोरस :- हो जाती है भीड़ भयंकर
M:- भले किवाड़ बंद हो माँ की
कोरस :- भले किवाड़ बंद हो माँ की
M:L- भले दिखे ना सुन्दर झांकी
कोरस :- भले दिखे ना सुन्दर झांकी
M:- भक्त यहाँ से हटते नहीं है
कोरस :- भक्त यहाँ से हटते नहीं है
M:- माँ किरपा से थकते नहीं है
कोरस :- माँ किरपा से थकते नहीं है
M:- जय जयकार लगाले माँ की
कोरस :- जय जयकार लगाले माँ की
M:- जय जय माता कामाख्या की
कोरस :- जय जय माता कामाख्या की
M:- ब्रम्ह पुत्र की नदी का पानी
कोरस :- ब्रम्ह पुत्र की नदी का पानी
M:- इसकी भी अब सुनो कहानी
कोरस :- इसकी भी अब सुनो कहानी
M:- माँ का हो जब मासिक काल
कोरस :- माँ का हो जब मासिक काल
M:- नदी का हो जाए पानी लाल
कोरस :- नदी का हो जाए पानी लाल
M:- जब तक मासिक काल है रहता
कोरस :- जब तक मासिक काल है रहता
M:- नदी से पानी लाल है बहता
कोरस :- नदी से पानी लाल है बहता
M:- माँ की माया समझ ना पाए
कोरस :- माँ की माया समझ ना पाए
M:- बड़े बड़े विद्वान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
16.
M:- निवृत होती जब कामाख्या
कोरस :- निवृत होती जब कामाख्या
M:- नदी का जल हो जाए स्वच्छ सा
कोरस :- नदी का जल हो जाए स्वच्छ सा
M:- कैसी है माता की माया
कोरस :- कैसी है माता की माया
M:- आज तलक कोई समझ ना पाया
कोरस :- आज तलक कोई समझ ना पाया
M:- अम्बुबाई का प्रसाद ये
कोरस :- अम्बुबाई का प्रसाद ये
M:- मिलता है ये बड़े भाग से
कोरस :- मिलता है ये बड़े भाग से
M:- ले जाए प्रसाद समझकर
कोरस :- ले जाए प्रसाद समझकर
M:- माँ का आशीर्वाद समझकर
कोरस :- माँ का आशीर्वाद समझकर
M:- मनोकामना पूरन होती
कोरस :- मनोकामना पूरन होती
M:- सकल साधना पूरन होती
कोरस :- सकल साधना पूरन होती
M:- ऐसी है इस माँ की महिमा
कोरस :- ऐसी है इस माँ की महिमा
M:- शक्ति कामाख्या की महिमा
कोरस :- शक्ति कामाख्या की महिमा
M:- महिमा है प्रख्यात जगत में
कोरस :- महिमा है प्रख्यात जगत में
M:- सती रूप में आदिशक्ति माँ
कोरस :- सती रूप में आदिशक्ति माँ
M:- करती जग कल्याण
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
17.
M:- मंदिर से कुछ दूर बगल में
कोरस :- मंदिर से कुछ दूर बगल में
M:- शिखर बिच ही नीलांजन में
कोरस :- शिखर बिच ही नीलांजन में
M:- उमानंद भैरव का मंदिर
कोरस :- उमानंद भैरव का मंदिर
M:- है विख्यात सकल जग जाहिर
कोरस :- है विख्यात सकल जग जाहिर
M:- भैरव माँ के पहरे दार है
कोरस :- भैरव माँ के पहरे दार है
M:- माँ चौकी के थानेदार है
कोरस :- माँ चौकी के थानेदार है
M:- कामाख्या के करके दर्शन
कोरस :- कामाख्या के करके दर्शन
M:- भैरव जी का करते वंदन
कोरस :- कामाख्या के करके दर्शन
M:- तभी यात्रा पूरन होती
कोरस :- तभी यात्रा पूरन होती
M:- माँ किरपा सम्पूर्ण होती
कोरस :- माँ किरपा सम्पूर्ण होती
M:- भैरव बाबा उमानंद की
कोरस :- भैरव बाबा उमानंद की
M:- लगी समाधि परमानंद की
कोरस :- लगी समाधि परमानंद की
M:- कष्ट दर्द सब हर लेते है
कोरस :- कष्ट दर्द सब हर लेते है
M:- खुशियों से घर भर देते है
कोरस :- खुशियों से घर भर देते है
M:- निर्बल को बलवान बनाते
कोरस :- निर्बल को बलवान बनाते
M:- निर्धन को धनवान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
18.
M:- साधक करते तंत्र साधना
कोरस :- साधक करते तंत्र साधना
M:- यंत्र तंत्र और मंत्र साधना
कोरस :- यंत्र तंत्र और मंत्र साधना
M:- कामाख्या माता के मंदिर
कोरस :- कामाख्या माता के मंदिर
M:- साधक सीखे जादू मंत्र
कोरस :- साधक सीखे जादू मंत्र
M:- प्रत्येक साल हर जून माह में
कोरस :- प्रत्येक साल हर जून माह में
M:- तांत्रिक आये तंत्र चाह में
कोरस :- तांत्रिक आये तंत्र चाह में
M:- अम्बुबाई का लगता मेला
कोरस :- अम्बुबाई का लगता मेला
M:- साधु संत का रहता रेला
कोरस :- साधु संत का रहता रेला
M:- सबकी इच्छा पूरन होती
कोरस :- सबकी इच्छा पूरन होती
M:- मन चाहि सम्पूर्ण होती
कोरस :- मन चाहि सम्पूर्ण होती
M:- यहाँ ना कोई छोटा बड़ा है
कोरस :- यहाँ ना कोई छोटा बड़ा है
M:- हर कोई इक साथ खड़ा है
कोरस :- हर कोई इक साथ खड़ा है
M:- जय बोलो जय कामाख्या की
कोरस :- जय बोलो जय कामाख्या की
M:- जय बोलो कामाख्या माँ की
कोरस :- जय बोलो कामाख्या माँ की
M:- दो आशीष सुखदेव को माता
कोरस :- दो आशीष सुखदेव को माता
M:- करता रहे गुणगान
कोरस :- जय बोलो जय बोलो जय बोलो बोलो जय जय माँ कामाख्या
लेखक :- सुखदेव निषाद
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