Current Date: 21 Nov, 2024

कलयुग का देव निराला

- संजय मित्तल जी।


कलयुग का देव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला,
कदम कदम पर रक्षा करता,
भक्तो का रखवाला रे,
कलयुग का देंव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला।।

तर्ज – बड़ी देर भई नंदलाला।

इनके होते किसी भगत की,
होगी कभी भी हार नही,
खुद का मान, भले घट जाए,
भगत का घटे स्वीकार नही,
अपने भगत की खातिर इसने,
क्या से क्या कर डाला रे,
कलयुग का देंव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला।।

सच्चे मन से जिसने इनको,
आँसू भेंट चढ़ाए है,
सिंहासन हिल जाता इनका,
पल में दौड़े आए है,
आँसू के बदले खुशियो से,
दामन है भर डाला रे,
कलयुग का देंव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला।।

कलीकाल में करे हुकूमत,
मेरा खाटू वाला श्याम,
पांडव कुल के, अवतारी को,
मेरा लाखों लाख प्रणाम,
हंसते हंसते श्री कृष्ण को,
शीश दान दे डाला रे,
कलयुग का देंव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला।।

‘श्याम’ कह रहा इनके बस में,
कुछ भी नही असंभव है,
मोरछड़ी से, प्राण बचाए,
होते देखा संभव है,
बड़े बड़े संकट को इसने,
हाथ से अपने टाला रे,
कलयुग का देंव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला।।

कलयुग का देव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला,
कदम कदम पर रक्षा करता,
भक्तो का रखवाला रे,
कलयुग का देंव निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला।।

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