Current Date: 22 Jan, 2025

कबो आरा में उड़े कबो बलिया में

- पवन सिंह, प्रियंका सिंह


कबो आरा में उड़े कबो बलिया में उड़े कबो काशी में लहराए
कबो छपरा में उड़े कबो भभुआ में उड़े कबो बक्सर में फहराए
कबो आरा में उड़े कबो बलिया में उड़े कबो काशी में लहराए
कबो छपरा में उड़े कबो भभुआ में उड़े कबो बक्सर में फहराए
जेने बा सेवका ओने देखs बघवा मुड़े
माई के चुनरिया आकाश उड़े
आकाश उड़े !
माई के चुनरिया आकाश उड़े
आकाश उड़े !


 
[म्यूजिक..]

लाले लाल डोलिया हो देवतन के टोलिया हो बनल बा कहार
सोभे चुनरी के अजबे सिंगार अईसे लागे मोहाईल संसार
आईल भक्ति के सगरो बहार तीनो लोकवा में होला जय जयकार
कबो गया में उड़े कबो पटना में उड़े कबो रांची में लहराए
कबो टाटा में उड़े कबो बेतिया में उड़े कबो देवरिया में फहराए
सगरे पंडलवा घूमी घूमी सेवका से जोड़े
हs तs ! माई के चुनरिया आकाश उड़े
आकाश उड़े !
अरे ! माई के चुनरिया आकाश उड़े
आकाश उड़े !


 
[म्यूजिक..]

बाजेला पैजनिया हो सुने सारी दुनिया हो आईल नवरात
चूड़ी खन खन करे दसों हाथ चाहे दिन होखे होखे चाहे रात
सभे देवता बा मईया के साथ कही महिमा के हम कथी बात
कबो कोलकत्ता उड़े कबो मुंबई उड़े कबो दिल्ली में लहराए
कबो गोरखपुर कबो मिर्जापुर कबो गाजीपुर फहराए
विनय पवनवा भक्ति के दरिया में बुड़े
माई के चुनरिया आकाश उड़े
आकाश उड़े !
हां हां हां ! माई के चुनरिया आकाश उड़े
आकाश उड़े !

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