Current Date: 18 Dec, 2024

कभी वीर बनके महावीर बनके

- अंजलि जैन।


कभी वीर बनके महावीर बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना।।

तर्ज – कभी राम बनके।

तुम ऋषभ रूप में आना,
तुम अजित रूप में आना,
संभवनाथ बनके,
अभिनंदन बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना।।

तुम चंद्र रूप में आना,
तुम शीतल रूप में आना,
श्रेयांसनाथ बनके,
वासुपूज्य बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना।।

तुम विमल रूप में आना,
तुम अनंत रूप में आना,
धर्मनाथ बनके,
शांतिनाथ बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना।।

तुम कुंथु रूप में आना,
तुम अरह रूप में आना,
मल्लिनाथ बनके,
मुनिसुव्रत बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना।।

नमिनाथ रूप में आना,
नेमिनाथ रूप में आना,
पार्श्‍वनाथ बनके,
वर्द्धमान बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना,
कभीं वीर बनकें महावीर बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना।।

कभी वीर बनके महावीर बनके,
चले आना दरश मोहे दे जाना।।

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