Current Date: 18 Dec, 2024

कभी लो खबर हमारी

- संजय मित्तल जी।


कभी लो खबर हमारी,
कभी हाल पूछ जाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ,
दिनों के तुम सहारे,
कभी तो गले लगाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।

हो एक गम तो सह भी ले,
गम भी तो है हजारो,
कैसे जियेंगे बाबा,
तुम ही जरा विचारो,
दुःख सारे अब हरो तुम,
सुख नीर तुम बहाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।

अपने हुए पराए,
कैसी ये दुनियादारी,
रिश्तो पे भी है बाबा,
मतलब पड़ा है भारी,
अपना बना के बाबा,
अपने है क्या बताओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।

किस्मत को है मनाते,
कभी तुमको है मनाते,
इक दिन तो आएगा तू,
खुद को है ये बताते,
किस्मत भले ना माने,
‘निर्मल’ तुम मान जाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।

कभी लो खबर हमारी,
कभी हाल पूछ जाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ,
दिनों के तुम सहारे,
कभी तो गले लगाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।

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