Current Date: 23 Nov, 2024

कभी कभी

- Kumar Sanjay


कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है 
की मेरे घर में मेरे श्याम तेरा मंदिर हो 
के सुबह शाम तेरी जोत में जगाता रहु 
तेरी किरपा से में यही तुम्हे मनाता रहु 
कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है 
मैं अपने हाथो से बाबा तेरा श्रृंगार करू 
तुझको पहनाऊ सांवरे मैं तो हीरो का मुकुट 
और बनु दास तेरा श्याम तेरा गुणगान करू 
कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है 
रहु में साथ तेरे साथ श्याम तेरी मुरली बनकर 
के दर की धुल को मैं माथे से लगाता रहु 
तू दया करदे ग्यारस पे खाटू आता रहु 
कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है 
जो निकले दम ये मेरा सांवरे तू सामने हो 
ये आंखे मेरी दरश को ना कभी तड़पे तेरे 
इतनी हसरत है श्याम हरपल मेरे साथ रहो 
 

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