Current Date: 18 Dec, 2024

कभी आया साथी बनकर

- संजय मित्तल जी।


कभी आया साथी बनकर,
कभी आया माझी बनकर,
पग पग पर दिया सहारा,
कई रूप में तूने आकर।

जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम।।

जब माँ की याद थी आयी,
गोदी में तूने बिठाया,
जब पिता को याद किया तो,
तूने सर पे हाथ फिराया,
कंधे से कन्धा मिलाया,
तूने मेरा भाई बनकर,
पग पग पर दिया सहारा,
कई रूप में तूने आकर,
कभी आया साथी बनकर,
कभी आया माझी बनकर,
पग पग पर दिया सहारा,
कई रूप में तूने आकर।

जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम।।

जब सर पे मेरे बाबा,
दुःख के बादल मंडराए,
जो फूल थे मन बगिया के,
बाबा सारे मुरझाये,
पतझड़ में बहरे ला दी,
बाबा तूने माली बनकर,
पग पग पर दिया सहारा,
कई रूप में तूने आकर,
कभी आया साथी बनकर,
कभी आया माझी बनकर,
पग पग पर दिया सहारा,
कई रूप में तूने आकर।

जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम।।

जिस प्यार के खातिर बाबा,
जन्मो से था मैं प्यास,
श्याम कहे तुझे पाकर के,
पूरी हुई वो अभिलाषा,
पत्थर को हिरा बनाया,
बाबा तूने जोहरी बनकर,
पग पग पर दिया सहारा,
कई रूप में तूने आकर,
कभी आया साथी बनकर,
कभी आया माझी बनकर,
पग पग पर दिया सहारा,
कई रूप में तूने आकर।

जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम।।

कभी आया साथी बनकर,
कभी आया माझी बनकर,
पग पग पर दिया सहारा,
कई रूप में तूने आकर।

जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम,
श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम।।

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