Current Date: 17 Nov, 2024

काम क्रोध मद लोभ और माया

- संजय मित्तल जी।


काम क्रोध मद लोभ और माया,
पहरेदार बिठाया,
इन सब से जो बचकर आया,
उसने श्याम को पाया,
बोलो है ना, बोलो है ना,
काम क्रोध मद लोभ और माया।।

तर्ज – एक डाल पर तोता बोले।

इन पांचो के पीछे देखो,
भाग रहा जग सारा,
भाग रहा जग सारा,
छोड़ दे चिंता इन पांचो की,
बन जा श्याम का प्यारा,
बन जा श्याम का प्यारा,
जिसने इन पांचो को छोड़ा,
उसका साथ निभाया,
बोलो है ना, बोलो है ना,
काम क्रोध मद लोभ और माया।।

माया नगरी ये दुनिया है,
थोड़ा दूर भगाओ,
थोड़ा दूर भगाओ,
नरसिंह मीरा कर्मा जैसे,
मन में भाव जगाओ,
मन में भाव जगाओ,
जिनके मन में भाव है ऐसे,
उनके घर में आया,
बोलो है ना, बोलो है ना,
काम क्रोध मद लोभ और माया।।

माँगना हो तो श्याम प्रभु से,
ऐसी शक्ति मांगो,
ऐसी शक्ति मांगो,
हारे हुए के साथी बने हम,
ऐसी भक्ति मांगो,
ऐसी भक्ति मांगो,
श्याम कहे जिस जिसने किया ये,
उसमें श्याम समाए,
बोलो है ना, बोलो है ना,
काम क्रोध मद लोभ और माया।।

काम क्रोध मद लोभ और माया,
पहरेदार बिठाया,
इन सब से जो बचकर आया,
उसने श्याम को पाया,
बोलो है ना, बोलो है ना।।

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